चीन की चौखट पर यमराज, अमेरिका-जापान का याराना बड़ी तैयारी का संकेत तो नहीं…होने वाला है थर्ड वर्ल्‍ड वॉर? – third world war danger at china doorstep america aircraft carrier USS George Washington Japan Yokosuka base


टोक्‍यो. दुनिया के कुछ हिस्‍से इस समय भीषण संघर्ष से झुलस रहे हैं. वेस्‍ट एशिया से लेकर रूस-यूक्रेन तक में आग लगी हुई है. इसका शिकार बच्‍चे-बूढ़े से लेकर औरतें और युव पीढ़ी तक हो रही है. रूस-यूक्रेन और इजरायल हमास युद्ध के समाप्‍त होने की कोई संभावना फिलहाल नहीं दिख रही है, लेकिन दुनिया के नक्‍शे पर एक और क्षेत्र में सैन्‍य तनाव चरम पर पहुंच गया है. पूर्वी एशियाई क्षेत्र में चीन की विस्‍तारवादी सोच और नीतियों की वजह से जापान सागर से लेकर येलो सी और साउथ चाइना सी तक में तनव है. चीन इस क्षेत्र के अधिकांश हिस्‍सों पर अपना दावा ठोकता है. इस वजह से जापान, फ‍िलिपींस, ताइवान, दक्षिण कोरिया जैसे देशों में असुरक्षा की भावना घर कर गई है. ताइवान के अधिकार वाले क्षेत्र में चीन की आक्रामकता ने सशस्‍त्र संघर्ष की आशंका को और बढ़ा दिया है. अब चीन के तट से महज 3000 किलोमीटर की दूरी पर अमेरिका ने अपना अल्‍ट्रा मॉडर्न एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात कर दिया है.

अमेरिका ने चीनी तट से कुछ ही दूरी पर न्‍यूक्लियर वेपन से लैस अत्‍याधुनिक USS जॉर्ज वॉशिंगटन एयरक्राफ्ट कैरियर को तैनात कर दिया है. इस एयरक्राफ्ट कैरियर में न्‍यूक्लियर रिफ्यूलिंग सिस्‍टम भी लगा हुआ है. इसका मतलब यह हुआ कि इसे पारंपरिक ईंधन की जरूरत उतनी नहीं होगी. साथ ही मॉडर्न फाइटर जेट और कार्गो एयरक्राफ्ट भी इस कैरियर पर तैनात है. USS जॉर्ज वॉशिंगटन एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनात कार्गो जेट वर्टिकल लैंडिंग के साथ ही शॉर्ट लैंड‍िंग करने में सक्षम है. इस जेट के जरिये जरूरी सामग्रियों को काफी कम समय में एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाया जा सकता है. मतलब यह कि आपात परिस्थितियों में यह विमान काफी कारगर साबित हो सकता है. यह सब चीन के लिए कतई शुभ समाचार नहीं है.

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छिड़ जाएगा थर्ड वर्ल्‍ड वॉर?
इंटरनेशनल लेवल पर चीन वॉशिंगटन के सबसे पुराने और निडर दुश्‍मन रूस का साथी है. अनेक मसलों पर बीजिंग और मॉस्‍को के सहयोग को दुनिया देख चुकी है. इसके अलावा ईरान को भी चीन का करीबी माना जाता है. वहीं, पूर्वी एशिया में चीन ने एक साथ जापान, ताइवान, फिलिपींस जैसे देशों के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. इन सबके बीच अमेरिका के एयरक्राफ्ट कैरियर की जापान के योकोसुका सैन्‍य बेस पर वापस लौटना चीन के लिए चिंता का विषय है. यूएसएस जॉर्ज वॉशिंगटन एयरक्राफ्ट कैरियर पहले के मुकाबले और आधुनिक होकर वापस लौटा है. इसमें कई ऐसी टेक्‍नोलॉजी को शामिल किया गया है, जिससे दुश्‍मनों का पता लगाकर उन्‍हें तबाह करने में सक्षम है. ऐसे में यदि इस इलाके में थोड़ी सी चूक मिलिट्री क्‍लैश को जन्‍म दे सकता है.

F-35C फाइटर जेट
जॉर्ज वॉशिंगटन एयरक्राफ्ट कैरियर के F-35C फाइटर जेट से लैस किया गया है. य‍ह लड़ाकू विमान पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट है. खास बात यह है कि यह जेट लॉन्‍ग रेंज तक उड़ान भरने में सक्षम है. साथ ही रडार की पकड़ से भी बाहर है. मतलब यह कि इसे रडार भी नहीं पकड़ सकता है. इसके अलावा CMV-22 ऑस्‍प्री टिल्‍ट रॉटर एयरक्राफ्ट को भी इस कैरियर पर तैनात किया गया है. यह एक मालवाहक विमान है, जो खतरनाक हालात में भी लैंड करने में सक्षम है. साथ ही इसकी मदद से सैन्‍य जरूरतों के सामान को तत्‍काल मौके पर पहुंचाया जा सकता है. साथ ही सैनिकों को भी भेजा या लाया जा सकता है.

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