चीन ने भी प्रस्ताव दिया और भारत ने भी…तीस्ता पर शेख हसीना ने फंसाया पेच! जानिए बांग्लादेश की पीएम ने अब क्या कहा?
ढाका. चंद दिनों पहले बांग्लादेश की प्रधानमंंत्री शेख हसीना भारत आई थीं. पीएम मोदी के साथ मुलाकात में तीस्ता गंगा और तीस्ता नदी के जल बंटवारे को लेकर एक अहम समझौता हुआ. दोनों नेताओं ने तीस्ता नदी के संरक्षण और प्रबंधन और 1996 की गंगा जल संधि के नवीनीकरण पर भी चर्चा की. लेकिन बांग्लादेश लौटते ही शेख हसीना ने कहा कि उनका देश तीस्ता नदी पर जलाशय बनाने की एक बड़ी परियोजना के बारे में भारत और चीन, दोनों के प्रस्ताव पर विचार करेगा. जो भी प्रस्ताव बेहतर लगेगा, उसे स्वीकार किया जाएगा.
हसीना ने अपनी भारत यात्रा और पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत को ‘बहुत उपयोगी’ बताया. कहा, ‘भारत के शीर्ष नेतृत्व के साथ हमारी बातचीत दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगी. सहयोग के नए रास्ते खोलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.’ बांग्लादेश की पीएम ने कहा, ‘हमने तीस्ता परियोजनाएं शुरू कीं. चीन ने प्रस्ताव दिया है और भारत ने भी. हम दोनों प्रस्तावों का मूल्यांकन करेंगे और जो भी हमारे लोगों के हित में होगा, उसे स्वीकार करेंगे.
यह पूछे जाने पर कि तीस्ता परियोजना के संबंध में भारत और चीन में से वह किस पक्ष का अधिक समर्थन करती हैं? शेख हसीना ने कहा, हम अपने देश की जरूरतों के हिसाब से दोस्ती बनाए रखते हैं. चीन ने इस परियोजना का फिजिकल सर्वे पूरा कर लिया है, जबकि भारत इसका एक और सर्वे करना चाहता है. यह जगह सिलीगुड़ी कॉरिडोर के पास है, जिसे ‘चिकन नेक’ के रूप में भी जाना जाता है. यह रणनीतिक तौर पर बेहद अहम है और भारत नहीं चाहता कि किसी भी तरह चीन का इसमें हस्तक्षेप हो.
बांग्लादेश के अधिकारियों ने बताया कि चीन ने 2020 में तीस्ता नदी पर गाद निकालने और यहां जलाशय व बांध बनाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन बांग्लादेश अभी उस पर आगे नहीं बढ़ा है. एक्सपर्ट का मानना है कि अगर चीन इस समझौते में शामिल हुआ तो भारत-बांग्लादेश के बीच पानी के बंटवारे को लेकर विवाद और गहरा सकता है. 2009 से दोनों देशों के बीच तीस्ता जल बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है. शेख हसीना ने कहा, बांग्लादेश का भारत के साथ तीस्ता नदी जल बंटवारे को लेकर एक पुराना मुद्दा है. इसलिए, अगर भारत तीस्ता परियोजना पर काम करता है तो बांग्लादेश के लिए यह आसान होगा. उस स्थिति में हमें हमेशा तीस्ता जल बंटवारे के बारे में बात करने की आवश्यकता नहीं होगी.अगर समस्याएं हैं, तो समाधान भी हैं.’
Tags: Bangladesh, Water conservation
FIRST PUBLISHED : June 25, 2024, 23:15 IST