चुटकी में दुख हर लेता है बाबा दुखहरन नाथ मंदिर, साल भर भक्तों की रहती भीड़
Agency:News18 Jharkhand
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Baba Dukhaharan Nath Temple: बाबा दुखहरन नाथ का मंदिर न केवल गिरिडीह की धार्मिक पहचान है, बल्कि यह श्रद्धा और आस्था का एक ऐसा केंद्र है, जहां भक्तों को भगवान शिव के प्रति गहरी गहरी आस्था देखी जाती है. यह मंदिर …और पढ़ें
Baba Dukhharannath Giridih
History of Dukhaharan Nath Temple: झारखंड के गिरिडीह जिले के उद्नाबाद में स्थित बाबा दुखहरन नाथ का मंदिर, भगवान शिव के प्रति अटूट श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है. यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर इसे भक्तों के लिए खास बनाती है.
बाबा दुखहरन नाथ का महत्व
इस मंदिर में भगवान शिव ‘दुखहरन नाथ’ के रूप में विराजमान हैं, जिसका अर्थ है “दुख और पीड़ा को हरने वाले भगवान.” यहां पूरे साल भक्तों की भीड़ रहती है, लेकिन सावन और महाशिवरात्रि के पवित्र अवसर पर यहां का माहौल खास हो जाता है. यह मंदिर न केवल गिरिडीह जिले के भक्तों को आकर्षित करता है, बल्कि आसपास के राज्यों से भी श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं.
मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
मंदिर की सटीक आयु का पता लगाना मुश्किल है, लेकिन यह माना जाता है कि यह मंदिर 100 साल से अधिक पुराना है. वर्तमान में मंदिर के पुजारी सूरज पांडेय, जो इस मंदिर की सेवा करने वाली चौथी पीढ़ी से हैं, बताते हैं कि इस मंदिर की सेवा की शुरुआत नुनुलाल ने की थी.
मंदिर की विशेषताएं
मंदिर में भगवान शिव स्वयंभू (स्वतः प्रकट) के रूप में विराजमान हैं. मंदिर के पश्चिम में बहने वाली उसरी नदी, उत्तर वाहिनी है. हिंदू धर्म में उत्तर वाहिनी नदी का विशेष महत्व है, क्योंकि यह पवित्रता और मोक्ष का प्रतीक मानी जाती है. बाबा दुखहरन नाथ के मंदिर परिसर में अन्य देवी-देवताओं के मंदिर भी स्थित हैं, जहां भक्त पूजा-अर्चना करते हैं.
भक्तों की श्रद्धा और मनोकामना पूर्ति
पुजारी सूरज पांडेय ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि बाबा दुखहरन नाथ के दर्शन से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. भक्तों का मानना है कि यहां पूजा करने से उनकी पीड़ा समाप्त हो जाती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. सावन और महाशिवरात्रि पर विशेष आकर्षण: इन पवित्र अवसरों पर मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ता है.
Giridih,Jharkhand
January 21, 2025, 18:20 IST