चेक बाउंस होने पर राम गोपाल वर्मा को क्यों हुई जेल? जानें कैसे है ये एक अपराध
बॉलीवुड फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा को चेक बाउंस के एक मामले में 3 महीने की सजा मिली है. उनके खिलाफ एक चेक बाउंस होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी. चेक बाउंस होना एक गंभीर वित्तीय अपराध माना जाता है. जिसमें कड़ी कार्रवाई तक की जाती है. आइए आज इस पर आपको विस्तार से बताते हैं कि कैसे ये एक अपराध है, आइए जानते हैं.
रिपोर्ट्स के अनुसार बीते दिनों निर्देशक राम गोपाल वर्मा के खिलाफ जो मामला दर्ज हुआ था. उन्होंने किसी फिल्म के लिए पैसे का भुगतान करने के लिए चेक जारी किया था, लेकिन उस चेक में राशि के लिए पर्याप्त धन उनके खाते में नहीं था. जिस वजह से चेक बाउंस हो गया. बाद में राम गोपाल वर्मा के खिलाफ मामला दर्ज कराया और कानूनी कार्रवाई की.
क्या होता है चेक बाउंस?
चेक बाउंस तब होता है जब किसी व्यक्ति का जारी किया गया चेक बैंक की तरफ से इस वजह से अस्वीकार कर दिया जाता है कि चेक पर मौजूद राशि उसके खाते में मौजूद नहीं होती है. अगर किसी के खाते में पर्याप्त रुपये नहीं है और वे चेक जारी कर देता है, तो वह बाउंस हो जाता है. यह न केवल वित्तीय धोखाधड़ी के रूप में देखा जाता है. इसे एक दंडनीय अपराध भी माना जाता है.
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चेक बाउंस के लिए क्या है सजा?
रिपोर्ट्स बताती हैं कि चेक बाउंस होने पर व्यक्ति को तीन साल का कारावास और जुर्माना हो सकता है. इसके अलावा तीन वर्ष का कारावास और जुर्माना दोनों भुगतने पड़ सकते हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो यदि आरोपी पक्ष भुगतान नहीं करता है तो फिर एक महीने के अंदर वाद दायर करना होता है.
वाद दायर होने के बाद कोर्ट की तरफ से जांच की जाती है. इसके बाद कोर्ट आरोपी को समन से तलब करती है बाद में अगरआरोपी कोर्ट में पेश नहीं होता तो जमानती वारंट जारी किया जाता है. इसके बावजूद भी नहीं आने पर गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया जाता है.
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