छात्रों को हर रोज 3 हजार रुपये दें… CJI चंद्रचूड़ का सरकार को आदेश, UPSC एग्‍जाम से जुड़ा है मामला


नई दिल्‍ली. सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर सरकार को हिंसा ग्रस्त पर्वतीय जिलों के सिविल सेवा कैंडिडेट को 26 मई को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के एग्‍जाम में शामिल होने के लिए राज्य के बाहर की यात्रा करने के मद्देनजर प्रतिदिन 3 हजार रुपये अदा करने का निर्देश दिया है. शाम छह बजकर 50 मिनट पर सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, न्यायूमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की बेंच ने राज्य के पर्वतीय जिलों के उन सिविल सेवा कैंडिडेट की शिकायतों पर गौर किया, जिन्होंने सुरक्षा चिंताओं को लेकर मणिपुर के बाहर के परीक्षा केंद्रों का विकल्प चुना है.

सीजेआई की बेंच ने कहा, ‘‘जो लोग वर्तमान में मणिपुर के पर्वतीय जिलों में रह रहे हैं और यूपीएससी परीक्षा के लिए आवेदन किया है, उनमें से प्रत्येक अभ्यर्थी को प्रति दिन 3 हजार रुपये का भुगतान किया जाए ताकि वे परीक्षा में शामिल होने के लिए राज्य के बाहर की यात्रा कर सकें.’’ बेंच ने कहा, ‘‘इस लाभ को प्राप्त करने के इच्छुक कैंडिडेट इस आदेश में उल्लेख किये गए ईमेल पते पर वहां के नोडल अधिकारी को सूचित करे, जहां वे वर्तमान में रह रहे हैं.’’

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हाईकोर्ट ने दिया था 1,500 रुपये देने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट 140 छात्रों की ओर से मणिपुर के बाहर परीक्षा केंद्र देने की मांग से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रही है. कार्यवाही के दौरान, न्यायालय को यह बताया गया कि हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को उनमें से प्रत्येक कैंडिडेट को 1,500 रुपये देने के लिए कहा था, जिन्होंने मणिपुर के बाहर परीक्षा केंद्र का विकल्प चुना है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया चंद्रचूड़ ने याचिका का निस्तारण करते हुए कहा, ‘‘परिवहन की व्यवस्था करना व्यावहारिक नहीं था, ऐसे में भत्ता 1,500 रुपये से बढ़ा दिया गया है. हमारा विचार है कि हाईकोर्ट द्वारा निर्धारित राशि को बढ़ाकर 3,000 रुपये कर दिया जाए.’’

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मणिपुर में, मई 2023 में हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में 160 से अधिक लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों अन्य घायल हुए हैं. यह हिंसा राज्य में तीन मई को भड़की थी, जब अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की बहुसंख्यक मेइती समुदाय की मांग के विरोध में आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला गया था.

Tags: DY Chandrachud, Manipur News, Supreme Court



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