जंगल में फंस गए? चिंता न करें, स्मार्ट बैंबू स्टिक करेगी आपकी मदद, जानें खासियत


देहरादून. बांस शब्द जब हम सुनते हैं तो हमारे मन में बांस से बने पुराने घरों की तस्वीर सामने आती है. बांस पुराने समय से ही मानव जीवन का एक अहम हिस्सा रहा है. उत्तराखंड बांस एवं रेशा विकास परिषद (UBFDB) बांस की चीजों को नए रूप से लोगों के सामने पेश कर रहा है. बांस एवं रेशा विकास परिषद की मदद से अल्मोड़ा के दुनाड़ के एक स्वयं सहायता समूह ने मॉडर्न बैंबू स्टिक तैयार की है, जिसमें फ्लैश लाइट, कैंप लाइट और टॉर्च जैसी तकनीक है. अगर आप कभी जंगलों में फंस गए हैं, तो यह स्टिक आपको राह दिखाएगी. साथ ही आपको हर खतरों से निपटने में मदद भी करेगी.

आधुनिकता के दौरान में मानव जीवन पूरी तरह से बदल गया है. पुराने समय में इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुएं भी अब हाईटेक हो चली हैं. ऐसे में इंसानी जीवन का अहम हिस्सा रहा बांस भला कैसे पीछे रह सकता था. उत्तराखंड बांस एवं रेशा विकास परिषद ने बांस से जुड़ी वस्तुओं को आधुनिक बनाने का जिम्मा उठाया है. सोशल मीडिया पर मॉडर्न बैंबू स्टिक काफी सुर्खियां बटोर रही है. तकनीक और प्रकृति के इस जोड़ ने बांस की इस स्टिक को ऑनलाइन शॉपिग जगत में भी खासा लोकप्रिय बना दिया है. लोकल 18 ने यूबीएफडीबी में जाकर इस मॉडर्न बैंबू स्टिक की खूबियों को करीब से देखा.

बैंबू की स्मार्ट स्टिक करेगी आपकी मदद
लोकल 18 से बातचीत में प्रोजेक्ट मैनेजर दिनेश जोशी ने बताया कि बांस हमेशा से ही महत्वपूर्ण रहा है. वर्तमान समय में कई वस्तुओं का बांस से निर्माण हो रहा है. उत्तराखंड बांस एवं रेशा विकास परिषद की मदद से एक बैंबू स्टिक बनाई गई है, जिसे लोग स्मार्ट स्टिक के नाम जान रहे हैं. वन विभाग और जंगलों में काम करने वाले कर्मियों की सुरक्षा की दृष्टि से इसे विकसित किया गया है. इस स्टिक की खासियत यह है कि इसे आधुनिक तकनीक से लैस किया गया है. उन्होंने कहा कि स्टिक का आपातकालीन स्थिति जैसे- जानवरों के हमले के दौरान बचाव की स्थिति आदि में इस्तेमाल किया जा सकता है. लंबी स्टिक को छोटा भी किया जा सकता है, जो अपने आप में आकर्षक है.

इन खूबियों ने बनाया बैंबू स्टिक को खास
मॉडर्न बैंबू स्टिक की खूबियों को बताते हुए दिनेश जोशी ने कहा कि स्टिक पर एक टॉर्च लगाई गई है. ब्लिंक करती टॉर्च एक इंडिकेटर का भी काम करती है. जानवरों को भगाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा, स्टिक में यूएसबी पोर्ट और चार्जर प्वाइंट दिया गया है यानी इसे चार्ज किया जा सकता है. वह बताते हैं कि इसमें सोलर लाइट भी लगाई गई है. अगर आपके आसपास इसे चार्ज करने की व्यवस्था नहीं हो, तो इसे सौर ऊर्जा से भी चार्ज किया जा सकता है.

रवि टम्टा ने तैयार की है बैंबू स्टिक
दिनेश जोशी आगे बताते हैं कि अल्मोड़ा में दुनाड़ गांव है, जहां कॉमन फैसलिटी सेंटर बनाया गया है. राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत इसे स्थापित किया गया था. स्टिक को बनाने वाले कारीगर और डिजाइनर बांस हस्तशिल्प विकास समिति के सचिव रवि टम्टा हैं. उन्होंने ही बांस की स्टिक को मॉडर्न लुक दिया है. विशेष रुप से फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के फील्ड कर्मचारी को ध्यान में रखते हुए इसे डिजाइन किया गया है. दुनाड़ की ग्राम पंचायत द्वारा इसे प्रमोट किया जा रहा है. ओडिशा का फॉरेस्ट डिपार्टमेंट भी इस मॉडर्न बैंबू स्टिक में खासा रुचि दिखा रहा है. इससे बांस का प्रचार होगा और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.

क्या है यूबीएफडीबी?
उत्तराखंड बांस और रेशा विकास बोर्ड (यूबीएफडीबी) उत्तराखंड सरकार की एक ऐसी पहल है, जिसे 2003 में राज्य में बांस और प्राकृतिक फाइबर आधारित आजीविका सृजन के लिए बनाया गया था. उत्तराखंड के गांवों में ग्रामीण जीवन ज्यादातर प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित है, इसलिए नए राज्य की नीतियों के निर्माण के दौरान राज्य सरकार ने विकास का जो मॉडल अपनाया, वह राज्य के विशाल प्राकृतिक संसाधनों पर आधारित था.

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