जज साहब ठगों को नटवरलाल ना कहा जाए… नाम से दुखी आदमी पहुंचा हाईकोर्ट, कहा- बहुत दिक्कत होती है


उमेश मौर्या/रायपुरः नटवरलाल नाम सुनते ही ठगी और धोखाधड़ी का चेहरा सामने आ जाता है. लेकिन जरा सोचिए, जिनका असली नाम नटवरलाल है, उनके लिए यह नाम कैसा होगा? रायगढ़ के एक व्यवसायी नटवरलाल अग्रवाल को इस नाम से ऐसी ही मानसिक और सामाजिक पीड़ा हो रही है. अब उन्होंने ठगों के लिए ‘नटवरलाल’ नाम के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

शख्स ने हाईकोर्ट में दायर की याचिका
दरअसल, नटवरलाल अग्रवाल ने ठगी के मामलों में इस नाम का लगातार गलत इस्तेमाल होने पर व्यथित होकर 4 सितंबर को हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की. इस याचिका में धारा 19(2) और धारा 21 के तहत मांग की गई है कि किसी भी फ्रॉड या ठगी के आरोपी को ‘नटवरलाल’ कहकर संबोधित करने पर रोक लगाई जाए.

ठगी से कैसे जुड़ा नटवरलाल
इतिहास की बात करें तो ठगी के मामलों में ‘नटवरलाल’ नाम सबसे पहले प्रसिद्ध ठग मिथिलेश श्रीवास्तव के साथ जुड़ा. उन्होंने इतने बड़े-बड़े फ्रॉड किए कि लोग उन्हें ‘नटवरलाल’ कहने लगे. लेकिन नटवरलाल अग्रवाल का कहना है कि उनके माता-पिता ने 58 साल पहले भगवान श्रीकृष्ण के नाम पर उनका नाम रखा था. भगवान कृष्ण को भी ‘नटवर नागर’ कहा जाता है. ऐसे में ठगों के लिए इस नाम का इस्तेमाल भगवान का अपमान है, और उनके भक्तों को इससे गहरी ठेस पहुंचती है.

सामाजिक और मानसिक तौर पर पड़ता है प्रभाव
अग्रवाल का कहना है कि जब भी किसी ठगी के मामले में उनका नाम लिया जाता है, तो उन्हें व्यापार और समाज में संदेह की नज़रों से देखा जाता है. यह उन्हें आर्थिक, सामाजिक और मानसिक तौर पर प्रभावित करता है. याचिका में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि अमिताभ बच्चन से जुड़े एक हालिया मामले में, बिना अनुमति के किसी का नाम, चेहरा या आवाज़ का इस्तेमाल करना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन माना गया था. ऐसे में ‘नटवरलाल’ नाम के साथ हो रही इस नकारात्मक छवि को भी मौलिक अधिकारों के उल्लंघन की दृष्टि से देखा जाना चाहिए. अग्रवाल ने अपनी याचिका में सभी इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ‘नटवरलाल’ नाम के दुरुपयोग को बंद करने का आदेश देने की मांग की है.

Tags: Chhattisgarh High court



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