जब रतन टाटा ने डॉग हॉस्पिटल के लिए खर्च दिए 165 करोड़, ब्रिटिश डॉक्टर को कराया मुंबई शिफ्ट


नई दिल्ली. रतन टाटा, जो देश के सबसे लोकप्रिय उद्योगपतियों में से एक माने जाते हैं, अपनी परोपकारी गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं. उनका विशेष लगाव कुत्तों के प्रति भी अद्वितीय है. इसकी झलक उनकी एक पुरानी तस्वीर में भी देखने को मिलती है, जिसमें वे और उनके छोटे भाई नवल टाटा एक कुत्ते को गोद में लिए बैठे हैं. मुंबई स्थित टाटा समूह के मुख्यालय बॉम्बे हाउस में भी आवारा कुत्तों के लिए एक विशेष स्थान है, जहां उन्हें रहने और छुपने की सुविधा मिलती है.

हाल ही में, रतन टाटा ने अपने डॉग प्रेम को आगे बढ़ाते हुए एक डॉग हॉस्पिटल स्थापित किया है, जो जुलाई से पूरी तरह से कार्यरत है. यह अस्पताल उनके ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा है और इसे देशभर में अन्य डॉग हॉस्पिटल्स खोलने की योजना के तहत बनाया गया है. इस हॉस्पिटल का उद्घाटन आगामी महीनों में किया जाएगा.

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165 करोड़ रुपये की लागत से बने इस डॉग हॉस्पिटल में एक साथ 200 पालतू जानवरों का इलाज किया जा सकता है. हॉस्पिटल की पांच मंजिला इमारत में एक विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम काम कर रही है, जिसका नेतृत्व ब्रिटिश डॉक्टर थॉमस हीथकोट कर रहे हैं. वे इस अस्पताल के लिए मुंबई में स्थानांतरित हो चुके हैं.

रतन टाटा ने कहा है, “कुत्ते एक परिवार के दूसरे सदस्य की तरह होते हैं. मैंने जीवनभर कई पालतू जानवर रखे हैं, और मुझे इस हॉस्पिटल की आवश्यकता का पता है.” उन्होंने एक व्यक्तिगत अनुभव साझा किया, जिसमें उन्हें एक कुत्ते को उपचार के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ मिनिसोटा ले जाना पड़ा था. यह घटना उनके लिए एक महत्वपूर्ण सबक साबित हुई, जिसने उन्हें एक विश्व स्तरीय वेटनरी हॉस्पिटल की आवश्यकता को समझाया. अब यह डॉग हॉस्पिटल नवी मुंबई में नहीं, बल्कि महालक्ष्मी में खोला गया है, और सभी कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद यह अब पूरी तरह तैयार है.

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