‘जब 9 ने 8 को मारा थप्पड़’ अमिताभ बच्चन ने KBC में सुनाया अनोखा किस्सा, 7 करोड़ का सवाल भी पड़ जाएगा फीका


नई दिल्ली: आज लोगों के पास किताबी ज्ञान बहुत है, अगर सभी को जिंदगी का सही बोध होने लग जाए, तो कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुए जघन्य अपराध जैसे मामले सामने नहीं आते. अगर जिंदगी के सबक सीखने हों, तो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ देखिए, जिसके होस्ट अमिताभ बच्चन सिर्फ सवाल नहीं पूछते, अपनी जिंदगी के तमाम अनुभवों को किस्से-कहानियों के जरिये बयां करते हैं, जिनसे लोगों को वह सीख मिलती है, जिसे आप 7 करोड़ के सवाल का जवाब जानकर भी हासिल नहीं कर पाएंगे. अगर ‘केबीसी’ कंटेस्टेंट को धनवान बनाता है, तो अमिताभ बच्चन अपने किस्से-कहानियों से सिखाते हैं कि जिंदगी में बड़ा इंसान कैसे बना जाता है. उन्होंने केबीसी में नंबरों से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा सुनाया.

‘केबीसी’ के एक एपिसोड का अमिताभ बच्चन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे कहते नजर आ रहे हैं, ‘मैंने बहुत रोचक कहानी सुनी, जिसे मैं आप लोगों के साथ शेयर करना चाहता हूं. एक बार स्कूल के पहले दिन अंक 9 ने अंक 8 को छप्पड़ मार दिया. 8 ने पूछा- अरे भाई क्यों मारा, मेरी क्या गलती थी? तो 9 ने कहा कि मैं बड़ा हूं, तो थप्पड़ मार सकता हूं. अंक 9 की ये बातें सुनकर कक्षा में थप्पड़ों की बौछार शुरू हो गई.’

अंक 1 का जब 0 से हुआ सामना
अमिताभ बच्चन ने आगे कहानी सुनाई, ‘आठ ने सात को मारा. सात ने छह को मारा. छह ने पांच को मारा. जब दो ने एक को थप्पड़ मारा, तो शून्य समझ गया कि अब थप्पड़ पड़ेगा. वह दुबक कर कोने में बैठ गया. शून्य को कोने में दुबका बैठा देखकर एक ने कहा कि भैया तू डर मत. मैं तुझे नहीं मारने वाला हूं. यह कहते ही एक, शून्य के बगल में जाकर बैठ गया.’

अमिताभ बच्चन ने दिया गुरुमंत्र
आमिताभ आखिर में कहते हैं, ‘शून्य के बगल में बैठने का मतलब यह हुआ कि शून्य जो था, वह दस हो गया. है ना? शून्य ने फिर एक से पूछा- जहां सब अपने से छोटे को थप्पड़ मार रहे थे, आपने तो मुझे बड़ा बना दिया. ऐसा क्यों? एक ने कहा- देखो भैया, बड़ा वह नहीं होता जो खुद को बड़ा जाने या माने. बड़ा वो होता है जो किसी दूसरे को बड़ा बना दे. देवियों और सज्जनों, इंसान अपने मोल, अपनी ताकत, अपनी उम्र से बड़ा नहीं होता. इंसान बड़ा होता है अपनी सोच से. इंसान बड़ा होता है अपने ज्ञान से.’ अमिताभ बच्चन की अद्भुत बातें सुनकर सभी दर्शक ताली बजाने लगते हैं. अगर लोग इस कहानी का सार आत्मसात कर लें, तो वे भी अपने जीवन को बेहतर बना लेंगे.

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