जयपुर में रेजिडेंट डॉक्टर बोले हम- बलि के बकरे, बंद करो ये अत्याचार, वरना महंगा पड़ेगा ‘वार’


जयपुर. राजधानी जयपुर की सड़कों पर आज एक अनूठा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला. यहां रेजिडेंट डॉक्टरों ने खुद को ‘बलि का बकरा’ बनाकर अपनी मांगों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया. मुंह पर बकरे का मास्क लगाकर ‘बलि का बकरा’ रैली निकाली गई तो राहगीरों के कदम ठिठक गए. रैली में बड़ी संख्या में रेजिडेंट डॉक्टर कतारबद्ध चलते हुए नजर आए. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो यह मामला लंबा खींचेगा.

दरअसल जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज से जुडे़ सभी सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं. एक सप्ताह से रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल चल रही है. जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डाक्टर्स ‘जार्ड’ के बैनर तले चल रही हड़ताल के पीछे मकसद है कि उनके साथी रेजिडेंट्स के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाए. बीते दिनों कांवटिया हॉस्पिटल में महिला के प्रसव के दौरान हुई लापरवाही की घटना में तीन रेजिडेंट्स को निलंबित कर दिया गया था. लेकिन रेजिडेंट्स की मानें तो वे निर्दोष पीजी छात्र हैं. असली दोषियों पर कार्रवाई नहीं की जा रही है. रेजिडेंट्स का आरोप है कि उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है.

चेतावनी-हड़ताल जारी रहेगी
रेजिडेंट्स यूनियन जार्ड ने यह भी दावा किया कि उनके इस आंदोलन में अब बाकी सरकारी मेडिकल महाविद्यालयों से जुड़े रेजिडेंट भी उनके साथ आ रहे हैं और कार्य का बहिष्कार किया जा रहा है. रेजिडेंट्स का कहना है कि जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी. राज्य के मेडिकल महाविद्यालयों में पढ़ाई के साथ सेवाएं दे रहे रेजिडेंट्स ने भी हड़ताल की चेतावनी दे दी है. लेकिन इसके बाद भी चिकित्सा विभाग की ओर से अभी तक रेजिडेंट चिकित्सकों की वार्ता नहीं हो सकी है.

जार्ड का आरोप एकतरफा कार्रवाई की गई है
जार्ड की मानें तो कांवटिया अस्पताल प्रकरण में निर्दोष पीजी छात्रों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की गई है. उससे पीजी छात्र बहुत निराश हैं और काम पर जाने पर डर रहे हैं. उन्हें यह अंदेशा है कि कभी भी किसी भी मामले में उन्हें झूठा फंसाकर निलंबित किया जा सकता है. इसमें उनकी गलती भले ही हो या फिर नहीं. जार्ड का कहना है कि तीन पीजी छात्रों को निलंबित किया गया है. वह ठीक नहीं है. इस मामले को लेकर रेजिडेंट्स में नाराजगी बनी हुई है.

जार्ड बोला पहले भी दो निर्दोष रेजिडेंट्स को एपीओ कर दिया गया
जार्ड की मानें तो पहले भी दो निर्दोष रेजिडेंट्स को एपीओ कर दिया गया था. वे आज तक एपीओ हैं. जबकि असली गुनाहगारों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. ऐसे में हमारी मांग है कि सभी रेजिडेंट चिकित्सकों पर की गई कार्रवाई को रद्द किया जाए. जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होगी तब तक कोई भी रेजिडेंट अस्पताल में कार्य नहीं करेगा.



Source link

x