जिन्ना ने जिद से पाकिस्तान तो बनाया लेकिन करीबी रिश्तेदारों ने ही क्यों किया बॉयकाट, बेटी से लेकर कई परिजन भारत में ही रहे


मोहम्मद अली जिन्ना ने भारत का बंटवारा कराया. वो अपनी बहन फातिमा जिन्ना के साथ उस देश पाकिस्तान में चले गए, जिसका उन्होंने निर्माण कराया था. लेकिन जिन्ना के खानदान के ज्यादातर लोगों ने तब हिंदुस्तान को चुना. उन्होंने भारत में रहना पसंद किया. बाद में जरूर उनके कुछ भाई-बहनों ने कई सालों बाद पाकिस्तान का रुख किया. वैसे अब भी उनके दो भाई और बहनों के नाती-पोते मुंबई और कोलकाता में रह रहे हैं. जिन्ना की इकलौती बेटी दीनो वाडिया ने तो साफतौर पर पिता के देश जाने से मना कर दिया था.

मोहम्‍मद अली जिन्ना की इकलौती बेटी दीना ने 17 साल की उम्र में मशहूर पारसी घराने के नेविल वाडिया से शादी कर ली थी. जिन्ना को यह रिश्ता पसंद नहीं था. उन्होंने बेटी से हर ताल्लुक तोड़ दिया. भारत उस समय तक स्वतंत्र नहीं हुआ था.

भारत विभाजन के बाद दीना अपने परिवार के साथ भारत में ही रहींं. पिता जिन्ना ने पाकिस्तान जाने से पहले उनसे पूछा था कि क्या वह पाकिस्तान चलना चाहेंगी, तब दीना ने इससे साफ इनकार करते हुए कहा था कि वह बांबे छोड़कर कहीं नहीं जाएंगी. ये जगह उन्हें बहुत पसंद है. दीना और नेविली वाडिया दोनों मुंबई में रहते थे. हालांकि बाद में उनका भी तलाक हो गया. 1948 में जिन्‍ना की मृत्यु के बाद दीना पहली बार पाकिस्‍तान गईं. उसके बाद 2004 में भी गईं. हालांकि वह लगातार कहती रहीं कि वह हमेशा इस बात पर अडिग रहीं कि भारत ही उनका देश है. ये जिन्ना के लिए सबसे निराशाजनक बात थी कि खुद उनकी बेटी ही उनके बनाए देश में नहीं गई.

मौत दीना की 98 वर्ष की आयु में 2 नवंबर 2017 को न्यूयॉर्क शहर के मैडिसन एवेन्यू में उनके घर पर निमोनिया से मृत्यु हो गई. उनके इकलौते बेटे नुस्ली भारत के शीर्ष उद्योग समूह वाडिया समूह के प्रमुख हैं. ये कंपनी कई क्षेत्रों में बिजनेस करती है. इसकी फ्लैगशिप कंपनी बांबे डाइंग है.

dina 2024 04 b1bfdfe8fb1d2a34c200874fbd885dc3 जिन्ना ने जिद से पाकिस्तान तो बनाया लेकिन करीबी रिश्तेदारों ने ही क्यों किया बॉयकाट, बेटी से लेकर कई परिजन भारत में ही रहे

जिन्ना की बेटी दीना वाडिया, जो बंटवारे के बाद भी भारत में रहीं. उन्हें बांबे बहुत पसंद था. (news18)

लियाकत मर्चेंट ने पाकिस्तानी अखबार ‘डेली टाइम्स’ में प्रकाशित लेख में इस विषय पर विस्तार से जानकारी दी कि जिन्ना के किन रिश्तेदारों ने कभी पाकिस्तान जाना पसंद नहीं किया.  लियाकत खुद जिन्ना की एक बहन मरियम के पोते हैं. अक्सर ये पूछा जाता रहा है कि जिन्ना के परिवार के अन्य सदस्यों का क्या हुआ.

एक भाई ताजिंदगी ब्रिटेन में रहे
जिन्ना के एक भाई अहमद अली ताजिंदगी ब्रिटेन में ही रहे. उन्होंने एक अंग्रेज महिला एमी से शादी की. उनकी एकमात्र बेटी फातिमा स्विट्जरलैंड में रहती है. अहमद का बाद की जिंदगी में जिन्ना से कोई ज्यादा ताल्लुक रहा नहीं. बाकी भाई बहनों में ज्यादातर यहीं रुके रहे. उनमें से कुछ ने बाद में 1950 के दशक के आखिर में पाकिस्तान जाने का फैसला किया. जिन्ना के भाई रहमत अली और बहन मरियम तो ताजिंदगी भारत में ही रहे. हां, उनकी कुछ संतानों ने जरूर पाकिस्तान का रुख कर लिया था. अब जिन्ना खानदान के तीसरी पीढी के लोग मुंबई, कोलकाता और कराची में रहते हैं.

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मोहम्मद अली जिन्ना की बहनें (फाइल फोटो)

परिवार के बारे में
जिन्ना के छोटे भाई बुंदे अली और छोटे बहन शिरीन बाई बाद में पाकिस्तान में गए. बुंद की कोई संतान नहीं थी जबकि शिरीन के एक बेटा था.
लियाकत मर्चेंट ने डेली टाइम्स में जो लेख लिखा, उसमें जो जानकारियां उन्होंने दीं, वो यहां प्रस्तुत हैं.
1. जिन्ना की केवल एक बेटी थीं-दीना वाडिया, जिनका पिछले दिनों देहावसान हो गया. नुस्ली वाडिया उनके बेटे हैं. नुस्ली को दो बेटे हैं जय और नेस वाडिया. वो जिन्ना के पड़पोते हैं.
3. जिन्ना परिवार के अन्य सदस्यों में पड़पोते और पड़पोतियां हैं, जिनका ताल्लुक जिन्ना की बहनों रहमतबाई और मरियम बाई से है. ये कराची, मुंबई और कोलकता में रहते हैं.
4. भाई अहमद जिन्ना की बेटी फातिमा स्विट्जरलैंड में रहती हैं
5. शिरीनबाई के बेटे जफरभाई है, जो ताजिंदगी गैरशादीशुदा रहे.
6. बहन मरियम बाई के ज्यादातर पड़पोते और पड़पोतियां पाकिस्तान में ही रह रहे हैं लेकिन रहमत बाई के परिवार के लोग कोलकाता और मुंबई में रहते हैं. हालांकि मरियम के भी कुछ पड़पोतियां भारत में हैं.

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जिन्ना अपने परिवार के सदस्यों के साथ (फाइल फोटो)

प्रापर्टी को लेकर विवाद
फातिमा जिन्ना की मौत के बाद उनकी संपत्ति को लेकर मुकदमा कराची अदालत में 1968 से 1984 तक लंबित रहा. अब इस संपत्ति को शरिया के अनुसार गवर्न किया जाता है, लेकिन उनके दो ट्रस्ट में हिस्सेदारी को लेकर अब तक विवाद है.
कुछ सालों पहले असलम जिन्ना ने पाकिस्तान के सिंध हाईकोर्ट में दावा किया कि वो जिन्ना के पड़पोते हैं, लिहाजा उनकी संपत्ति के वारिस भी. हालांकि बाद में उनका दावा गलत साबित हुआ.
इस लेख में लियाकत लिखते हैं कि जिन्ना लगातार अपने भाइयों और बहनों के साथ अन्य रिश्तेदारों के साथ दूरी बनाकर चलते थे ताकि कोई उनके नाम का इस्तेमाल नहीं कर सके. जब एक दो बार उनके भतीजे या भाई ने किसी किताब या सामग्री में उन्हें रिश्तेदार बताकर प्रकाशित करना चाहा, तो उन्होंने इसकी अनुमति नहीं दी.

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