जेल में झाड़ियों के बीच छिपा रहा कैदी, रात भर ढूंढते रहे अफसर, सुबह डैम में कूदा, दो सस्पेंड


जबलपुर. अभी तक फिल्मों में आपने जेल से कैदियों को भागते हुए देखा होगा. कुछ ऐसा कारनामा मध्य प्रदेश के जबलपुर सेंट्रल जेल में भी एक कैदी ने करने की कोशिश की, हालांकि वह सफल नहीं हो पाया. नेताजी सुभाष चंद्र बोस सेंट्रल जेल का यह कैदी जेल की दीवारों के अंदर ऐसा फंसा कि अफसरों के आगे घुटने टेकने पड़े. हालांकि, जैसे ही एक कैदी की गिनती बैरेक से कम हुई, अफसरों के कान खड़े हो गए. आनन-फानन में सेंट्रल जेल का अलार्म रात में बजा.

दरअसल, शाम का वक्त था. जेल के बैरक नंबर 9 के अंदर अफसर कैदियों की गिनती ले रहे थे. तभी एक कैदी गिनती में कम मिला, जो जेल प्रहरी को चकमा देकर भाग गया था. कैदी को कम देख तत्काल ही सेंट्रल जेल का अलार्म बजाया गया. फिर क्या था धीरे-धीरे रात होने लगी. अफसर के भी पसीने बहने लगे. रात में टॉर्च लेकर जेल परिसर के अंदर ही आधा दर्जन अफसर कैदी को ढूंढने में लग रहे. लेकिन, तालाब परिसर के 6 एकड़ के घने जंगलों के बीच कैदी छुपकर बैठा रहा. अफसर ढूंढ नहीं पाए. जैसे ही सुबह हुई फिर से सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया.

कैदी ने उड़ा दी रात की नींद
रातभर छिपे रहने के बाद कैदी ने भी भागने का भरपूर प्रयास किया. लेकिन, वह भी समझ गया था कि अब पकड़ा जाऊंगा. लिहाजा, कैदी ने जेल परिसर के अंदर बने डैम में छलांग लगा दी. ऐसा करते अफसर ने उसे देख लिया और कैदी को दबोच लिया. हैरान करने की बात यह थी कि जेल परिसर के अंदर ही कैदी अधिकारियों को 11 घंटे तक चकमा देने में कामयाब रहा. इतना ही नहीं अधिकारियों की रात की नींद भी उड़ा दी.

दुष्कर्म मामले में बंद है कैदी
पूरे मामले में सेंट्रल जेल के जेलर मदन कमलेश ने लोकल 18 को बताया कि जेल में बंद कैदी जेल परिसर में बने करीब 7 एकड़ के जंगल, तालाब और बगीचों के बीच छिपा रहा. बारिश भी हो रही थी, जिस कारण पकड़ में नहीं आया. हालांकि, सुबह होते ही दबोच लिया गया. कैदी कटनी जिले के कैमोर का रहने वाला है, जिसका नाम रमेश कोल है. कैदी रमेश 10 साल से पोक्सो एक्ट के तहत दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, जिसका स्थानांतरण 9 साल पहले जबलपुर के सेंट्रल जेल में हुआ था.

दो प्रहरियों पर गिरी गाज, सस्पेंड
हालांकि, पूरे मामले को सेंट्रल जेल ने गंभीरता से लिया है, जहां ड्यूटी में तैनात जेल प्रहरी विजय गुप्ता और सुरेंद्र तुरकर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. दोनों ही जेल प्रहरी पर कार्य के प्रति लापरवाही बरतने की कार्रवाई की गई है. लिहाजा, कैदी के खिलाफ भी सिविल लाइन थाने में मामला पंजीबद्ध कराया गया है.

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