ड्रैगन से रिश्तों में नई शुरुआत की कसौटी! देपसांग में भी सेना की गश्त 4 साल बाद फिर शुरू


नई दिल्ली. भारत-चीन सीमा पर हाल के समय में किए भरोसा बहाली के उपायों के तहत डेमचौक के बाद देपसांग में भी भारतीय सेना ने पेट्रोलिंग शुरू की. सेना की 14 कोर की तरफ से ये जानकारी शेयर की गई. सेना ने एक बयान में कहा कि देपसांग और डेमचोक में सैनिकों की वापसी और गश्त फिर से शुरू करने के लिए भारतीय और चीनी पक्ष के बीच बनी सहमति के बाद भारतीय सेना ने आज देपसांग में पेट्रोलिंग प्वाइंट में से एक पर सफलतापूर्वक पेट्रोलिंग की. ये एलएसी पर शांति बनाए रखने की दिशा में एक और सकारात्मक कदम है.

सेना ने सोमवार को देपसांग मैदानों में अपनी पहली गश्त की. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ तनाव को घटाने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करने के लगभग दो हफ्ते बाद ये गश्त की गई. रक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक देपसांग मैदानों में गश्त बिंदु (पीपी) 10, 11, 12, 12ए और 13 हैं. फिलहाल उक्त गश्त केवल एक बिंदु तक की गई, जैसा कि दोनों पक्षों द्वारा तय किया गया था.

गश्त केवल एक या दो पेट्रोलिंग प्वाइंट तक
सेना के सूत्रों ने कहा कि हुए समझौते के मुताबिक प्रारंभिक गश्त केवल एक या दो पेट्रोलिंग प्वाइंट तक की जाएगी. ऐसा इसलिए है क्योंकि उन सभी को एक बार में कवर करना एक कठिन काम होगा और इसका उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच विश्वास बनाने के लिए चीजों को धीरे-धीरे आगे बढ़ाना है. एक सूत्र ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति के अनुसार सब कुछ हो रहा है. आज पहली गश्त की गई. उन्होंने कहा कि पहला गश्ती दल सुबह रवाना हुआ और दोपहर तक वापस आ गया.

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सेनाओं की 2020 से पहले की स्थिति में वापसी
30 अक्टूबर को भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में देपसांग मैदानों और डेमचोक के दो आमने-सामने के बिंदुओं से सैनिकों को वापस बुला लिया था. इन सेनाओं को 2020 से पहले की स्थिति में वापस बुला लिया है और पिछले साढ़े चार साल में बनाए गए सभी चेक पोस्ट, डिफेंस पोस्ट और आवास और आश्रयों को भी हटा दिया है. दोनों देशों ने एक-दूसरे की वापसी का भौतिक सत्यापन किया. देपसांग मैदानों और डेमचोक में 2020 के बाद से बनाए गए सभी अतिरिक्त ढांचों को तोड़ दिया.

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