तब लिया किम जोंग के मजाक का बदला, अब उड़ाए जापान के ‘बिटकॉइन’, कौन हैं ये लुटेरे जिनसे खौफ खाती है दुनिया
उत्तर कोरिया से जुड़े हैं लाजरस ग्रुप के तार
ऐसा कहा जाता है कि लाजरस ग्रुप, किम जोंग के इशारे पर काम करता है. लाजरस ग्रुप को डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया के टोही जनरल ब्यूरो (आरजीबी) से जोड़कर देखा जाता है. 2017 में अमेरिकी सरकार ने एफबीआई और होमलैंड सुरक्षा विभाग (डीएचएस) की जांच के आधार पर एक चेतावनी जारी की थी, जिसमें हिडन कोबरा की पहचान ‘उत्तर कोरियाई सरकार द्वारा प्रायोजित दुर्भावनापूर्ण साइबर संगठन’ के रूप में की गई थी. हालांकि, उत्तर कोरिया ने कभी नहीं माना कि लाजरस ग्रुप ने चोरियों को अंजाम दिया.
जब किम जोंग पर हुए मजाक का लिया था बदला
लाजरस ग्रुप वैश्विक स्तर पर तब चर्चा में आया था, जब उसने सोनी पिक्चर्स के नेटवर्क को हैक कर लिया था. दरअसल, फिल्म “द इंटरव्यू” में किम जोंग-उन का मजाक बनाया गया था. ये फिल्म सोनी पिक्चर्स के प्रोडक्शन में बनी थी. ऐसा कहा जाता है कि इस मजाक का बदला लेने के लिए लाजरस ग्रुप ने सोनी पिक्चर्स को हैक कर लिया था. जांच के दौरान, सोनी पिक्चर्स हमले में इस्तेमाल किए गए मैलवेयर से जुड़े कई मैलवेयर पाए गए. मैलवेयर और हमलावरों के काम करने के तरीके को ट्रैक करके, जांकर्ताओं ने 2009 तक लाजरस समूह की गतिविधियों की पहचान कर इस हमले के लिंक आपस में जोड़े. बताया जाता है कि उत्तर कोरिया का साइबर-वार प्रोग्राम 1990 के दशक के मध्य से शुरू हुआ था. साल 2020 की अमेरिकी सैन्य रिपोर्ट के अनुसार, यह नॉर्थ कोरिया की एक मजबूत साइबर वॉर टीम है, जिसे ‘ब्यूरो 121’ के नाम से जाना जाता है, ये कई देशों से संचालित होती है.
लाजरस ग्रुप के टारगेट पर कौन-कौन से देश
जापान ने 300 मिलियन डॉलर की क्रिप्टो चोरी के लिए उत्तर कोरियाई लोगों को दोषी ठहराया है. जापानी पुलिस और संयुक्त राज्य अमेरिका की एफबीआई के अनुसार, उत्तर कोरियाई हैकिंग समूह ने जापान स्थित एक्सचेंज डीएमएम बिटकॉइन से $300 मिलियन से अधिक मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी चुरा ली. जापान की राष्ट्रीय पुलिस एजेंसी ने मंगलवार को कहा कि ट्रेडरट्रेटर समूह- जिसे लाजर समूह का हिस्सा माना जाता है, उसने इस बडी डकैती को अंजाम दिया. लाजरस समूह की गतिविधियां उत्तर कोरिया के राजनीतिक हितों से जुड़ी हुई नजर आती हैं. इसके टारगेट पर दक्षिण कोरिया और अमेरिका मुख्यतौर पर रहते हैं. इसके निशाने पर अन्य देश- अफ़गानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बांग्लादेश, बेल्जियम, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, फ़्रांस, जर्मनी, ग्वाटेमाला, हांगकांग, भारत, इटली, जापान, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूज़ीलैंड, पोलैंड, सऊदी अरब, स्पेन, स्विटज़रलैंड, थाईलैंड, तुर्की और यूनाइटेड किंगडम रहते हैं.
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