थैलेसीमिया के खिलाफ जिंदगी की जंग लड़ रही स्निग्धा, फिर भी बढ़ रही आगे, डॉक्टर बनना है सपना



3232727 HYP 0 FEATURE20230719 133847 थैलेसीमिया के खिलाफ जिंदगी की जंग लड़ रही स्निग्धा, फिर भी बढ़ रही आगे, डॉक्टर बनना है सपना
रजत भट्ट/ गोरखपुर: की स्निग्धा चटर्जी एक ऐसी वॉरियर है जिसे आज पूरा शहर जान रहा है. कहा जाता है कि खुद की बीमारी से लड़के जिंदगी में कुछ करना आसान नहीं होता. लेकिन जब स्निग्धा की बात शहर में होती है तो कहा जाता है कि स्निग्धा सिर्फ अपने परिवार का ही नहीं पूरे शहर और देश के लिए एक इंस्पिरेशन है. एक ऐसी लाइलाज बीमारी से स्निग्धा लड़ रही हैं जिसका कोई इलाज नहीं है. इस बीमारी को थैलेसीमिया कहते हैं. जिसमें इस बीमारी से ग्रसित लोग दूसरों के ब्लड के सहारे जिंदा रहते हैं. इन सबके बीच स्निग्धा खुद की जिंदगी में ऐसे रहती हैं कि मानो थैलेसीमिया को वह खुद ही परेशान कर रही हो.

गोरखपुर के पादरी बाजार की रहने वाली थैलेसीमिया वॉरियर स्निग्धा चटर्जी एक ऐसी लड़की जो थैलेसीमिया पेशेंट के लिए इंस्पिरेशन है. स्निग्धा से बातचीत में उन्होंने बताया कि वो इस बीमारी से बचपन से ही ग्रसित है. पहले उन्हें 15 दिनों पर ब्लड चढ़ाना पड़ता था. लेकिन अब उन्हें 12 दिनों पर सेंटर पर जाकर ब्लड चेंज कराना पड़ता है. लेकिन इन सबके बीच में वो अपनी लाइफ इतनी इजी कर दी कि वह लोगों के लिए इंस्पिरेशन बन गई. इस बीमारी से लड़के स्निग्धा ने अपने पूरे ग्रेजुएशन को कंप्लीट किया और अब अपनी जिंदगी में आगे बढ़ रही हैं. स्निग्धा बताती है कि वह थैलेसीमिया के प्रति सतर्क जरूर रहती है. लेकिन अपनी जिंदगी वैसे जी रही है जैसे और भी लोग जी रहे हैं.

NGO चलाकर बच्चों की करती मदद
स्निग्धा बताती हैं कि थैलेसीमिया पेशेंट के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है उनका अवेयर होना. ऐसे में कुछ बच्चे होते हैं जिनके पैरंट्स इन बीमारी के बारे में उतना जान नहीं पाते. इसके लिए स्निग्धा ने एक एनजीओ की शुरुआत की है. जिसका नाम है ‘फाइट्स अगेंस्ट थैलेसीमिया’ इस एनजीओ में स्निग्धा के साथ कई उनके साथी भी काम करते हैं. एनजीओ के जरिए स्निग्धा थैलेसीमिया पेशेंट को अवेयर करती हैं. इस बीमारी में ब्लड की जरूरत होती है और पेशेंट को ब्लड भी अपने एनजीओ के जरिए स्निग्धा दिलाती है. अब तक स्निग्धा ने करीब एनजीओ के जरिए 18 लोगों की मदद की है. अब इस एनजीओ के जरिए कई लोगों की मदद करेंगी.

UP की पहली थैलेसीमिया पेशेंट जिसने PHD में लिया प्रवेश
यूं तो पूरे देश में थैलेसीमिया के कई पेशेंट है जो अपनी बीमारी से लड़ रहे. लेकिन स्निग्धा चटर्जी एक ऐसी लड़की जो अपनी बीमारी से भी लड़ रही है और अपने जिंदगी में आगे बढ़ रही है. इस बीमारी के साथ स्निग्धा ने अपने ग्रेजुएशन को पूरा किया और आगे की पढ़ाई में लग गई. अब स्निग्धा बताती है कि वह यूपी की पहली थैलेसीमिया पेशेंट होंगी जो पीएचडी में प्रवेश ले रही है. वो इसको पूरा करेंगे फिर पीएचडी के जरिए स्निग्धा थैलेसीमिया पेशेंट की मदद करेंगी.



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