दमोह में जैविक खाद की अनिवार्यता, जानें डीएम के इस आदेश के पीछे की वजह


दमोह : मध्यप्रदेश के दमोह में जैविक खाद को बढ़ावा देने के लिए जिला कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने अधिकारियों को अलग ही दिशा निर्देश जारी किया है. डीएम ने कहा कि महीने में जहां जहां वृक्षारोपण कार्य संस्थाओं, एनजीओ, जनप्रतिनिधियों और जन अभियान परिषद के द्वारा किये जाएंगे उन सभी में जैविक खाद का इस्तेमाल ही किया जायेगा. जिसे हम जैविक खाद तैयार करने वाले किसानों से खरीदेंगे. इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी.

जानिए जैविक खाद तैयार करने विधि
डीएम सुधीर कुमार कोचर ने बताया कि पीएम और मुख्यमंत्री द्वारा लगातार ही प्राकृतिक खेती के महत्व को प्रतिपादित किया है. इसीक्रम में दमोह के कई हिस्सों में किसान और कृषि उद्यमी जो है वो प्राकृतिक और जैविक खेती कर रहे हैं. उन्हीं में से एक मुख्यालय के नजदीक मेंदा फ्रॉम मैंने विटीज किया है. जैविक खाद आपके पौधों के लिए एक प्राकृतिक और पोषक तत्वों से भरपूर खाद है. इसे घर पर ही आसानी से तैयार किया जा सकता है. इसके लिए पेड़ पौधों की सूखी पत्तियां, गोबर (गाय या भैंस का), रॉक फॉस्फेट (पाउडर), वेस्ट डीकम्पोजर, एक बड़ा बर्तन या ढेर को एक साथ मिलाएं. खाद बनाने के लिए आदर्श तापमान 25-30 डिग्री सेल्सियस होता है.

पर्यावरण के साथ फसल की सुरक्षित

जैविक खाद में सभी आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों के स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक होते हैं. जो मिट्टी की संरचना में सुधार करती है. इसे उपजाऊ बनाती है. जैविक खाद पर्यावरण को सुरक्षित रखता है, जबकि रासायनिक खादे पर्यावरण को प्रदूषित करती है. किसान जैविक खेती की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं. वे अपनी फसलों के लिए रासायनिक खादों के इस्तेमाल को कम करके जैविक खाद का उपयोग बढ़ा रहे हैं. इससे न केवल मिट्टी की उर्वरता बढ़ रही है, बल्कि उत्पादित फसलें भी अधिक स्वस्थ और पौष्टिक हो रही हैं.

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