दुखवा मिटाईं छठी मईया, रउए असरा हमार…यही आखिरी गीत गाकर दुनिया को अलविदा कह गईं शारदा सिन्हा


पटना. बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा ने 72 साल की आयु में दिल्ली स्थित एम्स में आखिरी सांस ली. पिछले कुछ दिनों से वो बीमार चल रही थीं. देश भर में दिनों हर जगह शारदा सिन्हा की आवाज छठ गीतों के जरिए गूंज रही है. उनके गीतों के बिना छठ पूजा अधूरा सा लगता है. पिछले कई दिनों से शारदा सिन्हा अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रही थीं. अस्पताल के बिस्तर से ही उन्होंने अपना आखिरी छठ गीत “दुखवा मिटाईं छठी मईया…” जारी किया था.

शारदा सिन्हा के गीतों के बिना अधूरा है छठ
लोक आस्था का पर्व छठ पूजा आज से शुरू हो गया है. कल यानी 6 नवंबर को खरना होगा, 7 नवंबर को सांध्य अर्घ्य और 8 नवंबर को उगते सूरज को अर्घ्य देकर पूजा सम्पन्न होगी. छठ घाट सज चुके हैं, और हर गली-मोहल्ले में शारदा सिन्हा की आवाज गूंज रही है. लोग वर्षों से उनके छठ गीतों को सुनते आ रहे हैं, जो मन को छू लेते हैं. उनकी आवाज में ऐसा जादू है कि छठ पूजा के गीत सुनकर लोग भावुक हो जाते हैं.

शारदा सिन्हा के टॉप 5 चर्चित गीत

शारदा सिन्हा के कई गीत हैं, लेकिन कुछ ऐसे लोकप्रिय गीत हैं जो छठ पूजा के समय जरूर बजते हैं:

1. पहिले पहिल हम कईनी
छठी मइया व्रत तोहार.
करिहा क्षमा छठी मईया
भूल-चूक गलती हमार.

2. केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके झुके
केलवा के पात पर उगेलन सुरुज मल झांके झुके
ए करेलु छठ बरतिया से झांके झुके
ए करेलु छठ बरतिया से झांके झुके

3.हम तोसे पूछी बरतिया ऐ बरितया से केकरा लागी
हम तोसे पूछी बरतिया ऐ बरितया से केकरा लागी
ए करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी
ए करेलू छठ बरतिया से केकरा लागी.

4. उगऽ, हे सूरज देव, भेल भिनसरवा
अरघ के रे बेरवा, पूजन के रे बेरवा, हो
बड़की पुकारे, देव, दुनु कर जोरवा
अरघ के रे बेरवा, पूजन के रे बेरवा, हो

5. कौने खेत जनमल धान सुधान हो
कौने खेत डटहर पान ऐ माई
कौन कोखि लिहल जनम ऐ सुरुजदेव
उठो, सुबह का सूरज चमक रहा है, हे माँ
कौन कोखि लिहल जनम ऐ सुरुजदेव
उठ सुरुज भइले बिहान

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