दुश्‍मनों के लिए महाकाल है यह बॉम्‍बर, कोसोवो वॉर में पहली बार दिखाया था शौर्य, जानें अब कहां बरसाए बम – B2 Spirit stealth bomber jet 11000 kilometer in one sort enemy cant not catch now use against houthi rebel


हाइलाइट्स

स्‍टील्‍थ जेट है B2-Spirit जेट, रडार के बस में नहीं इसे पकड़ पाना 11000 KM तक लगातार भर सकता है उड़ान, रीफ्यूलिंग पर 19000 KMISIS के ट्रेनिंग कैंप के बाद अब हूती के अंडरग्राउंड ठिकानों पर हमला

नई दिल्‍ली. अदन की खाड़ी और रेड सी में हूती विद्रोहियों ने तबाही मचा रखी है. इंटरनेशनल ट्रेड को बुरी तरह प्रभावित करने वाले हूती विद्रोहियों के खिलाफ अमेरिका ने अब अपने अचूक अस्‍त्र का इस्‍तेमाल किया है. इसके अचूक निशाने और घातक क्षमता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसके वार से हूती विद्रोहियों के अंडरग्राउंड ठिकाने भी तबाह हो गए. बात हो रही है B2-Spirit स्‍टील्‍थ बॉम्‍बर की जो रडार की पकड़ से भी बाहर है. इस जेट की खासियत ऐसी है कि उसके बारे में जानकर ही दुश्‍मन पानी मांगने लगता है. ISIS के ट्रेनिंग कैंप को तबाह करने के बाद अब पहली बार B2-Spirit बॉम्‍बर का इस्‍तेमाल किया गया है.

दुनिया का सबसे बड़ा एनर्जी रूट रेड सी और अदन की खाड़ी में हूती विद्रोहियों ने ग़दर मचा रखा है. अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के जंगी जहाज़ों के साथ इस इलाक़े में मौजूद या गुजरने वाले मर्चेंट वेसल्‍स को लगातार यमन के हूती कंट्रोल वाले इलाक़ों से ड्रोन और मिसाइलो के जरिए निशाना बनाया जा रहा है. इसका माकूल जवाब देने के लिए अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने भी मोर्चा खोल रखा है. इसी के मद्देनज़र अमेरिका ने अपने एक ऐसे बॉम्बर का इस्तेमाल किया जो कि दुनिया का सबसे खतरनाक लॉन्‍ग स्‍टील्‍थ विमान है. सेंट्रल कमांड ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि B2- स्पीरिट बॉम्‍बर ने एक साथ कई ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के अंडरग्राउंड वेपन फैसिलिटी को हिट किया. यहां से रेड सी और अदन की खाड़ी में अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय शिपिंग के जहाज़ों पर एडवांस कन्वेंशनल हथियार दागे जाते थे. इस ऑपरेशन में अमेरिकी वायुसेना और नौसेना ने हिस्सा लिया. ख़ास बात यह है कि एयर फ़ोर्स के लॉन्‍ग रेंज स्‍टील्‍थ बॉम्बर B2- स्पीरिट का भी इस्तेमाल किया. बयान में साफ़ कहा गया है कि यह स्ट्राइक इतनी सटीक थी कि सिर्फ़ उन्हीं ठिकानों को ही हिट किया गया, जहां से हूती अटैक करते थे.

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खास है B2- स्पीरिट बॉम्‍बर
1980-90 के दशक में अमेरिका ने एयरफोर्स में B2- स्पीरिट बॉम्‍बर को शामिल किया और तब से लेकर अब तक वह बड़े-बड़े ऑपरेशन में अपने जलवे दिखा चुका है. खास बात यह है कि तकरीबन 6 साल बाद B2- स्पीरिट बॉम्‍बर का इस्तेमाल किसी एक्टिव ऑपरेशन के दौरान यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2017 में इसका आखिरी बार इस्तेमाल लीबिया में ISIS के ट्रेनिंग कैंप पर किया गया था. इसकी खासियत की बात करें तो यह 50 हज़ार फीट कि ऊंचाई पर लगातार 11 हज़ार किलोमीटर दूर तक उड़ान भर सकता है. मिड एयर रीफ्यूल के बाद यह बॉम्‍बर 19 हज़ार किलोमीटर और उड़ान भर सकता है. इसका डेब्यू 1998-99 में कोसोवो वॉर के दौरान हुआ था. उसके बाद इसे इराक, अफ़ग़ानिस्तान और लीबिया में किया गया. पाकिस्तान में जब ओसामा बिन लादेन को ढेर करने के लिए पहले इसे ही इस्तेमाल में लाए जाने का प्लान था. बॉम्बर से थर्मोन्यूक्लियर और कन्‍वेंशनल म्‍यूनीशन आसानी से दागे जाते हैं. एयरोडायनमिक डिज़ाइन के चलते यह बॉम्‍बर दुश्मन के रडार की पकड़ से भी बाहर होता है.

हूती विद्रोहियों की घेराबंदी
हाल ही में 3 US वॉरशिप पर हमला हुआ था. यह हमला तब किया या था, जब वॉरशिप अदन की खाड़ी से रेड सी की तरफ़ बढ़ रहे थे. रेड सी में इस वक्त USS Murphy, USS Frank E Petersen Jr, USS Spruance और USS Stockdale गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रायर ऑपरेट कर रहे हैं. इसके अलावा ईरान के इज़राइल पर हमले की सूरत में अमेरिका में अपने एयरक्राफ़्ट की तैनाती को भी बढाया है. हाल ही में यूएस सेंट्रल कमांड ने 3 अतिरिक्त एयरक्राफ़्ट स्कवाड्रन की तैनाती इस रीजन में की है. एक F-15E, एक F-16 और एक A-10 की स्क्वाड्रन है. कुल 54 एयरक्राफ़्ट की तैनाती की गई है. एक स्क्वाड्रन पहुंच चुकी है. इससे पहले F-22 रैप्टर को अगस्त के महीने में ही उस इलाके में तैनात किया गया था. अमेरिका की यह तैनाती यमन से हूती और ईरान के एरियल अटैक को इंटरसेप्ट करने के अलावा मिडल ईस्ट में तैनात अमेरिकी सेना को सपोर्ट देना है. इराक में 2500 और सीरिया में 900 अमेरिकी जवान फिलहाल तैनात हैं.

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