देखने में ये मिठाई बिल्कुल लगती है कांच की तरह, काली मिर्च और लौंग के मसालो से होती है तैयार, सेहत के लिए है खास


मोहित शर्मा/करौलीः धार्मिक नगरी करौली अपने मंदिरों के लिए नहीं बल्कि, अपने यहां के लजीज जायकों के लिए भी देशभर में मशहूर है. यहां बनने वाले कई खास प्रकार के मीठे जायके ऐसे हैं. जिनका बेहतरीन स्वाद केवल यहीं पर मिलना संभव है. आज हम आपको करौली में बनने वाले एक ऐसे ही खास मीठे जायके के बारे में बताने जा रहे हैं. खास मौके पर मिलने वाले इस मीठे जायके का ना केवल स्वाद दमदार है, बल्कि इसका नाम भी अन्य मिठाइयों से एकदम अलग है. इस खास मिठाई का नाम तिलगिनी है. देखने में यह मिठाई एकदम कांच जैसी दिखाई पड़ती है.

एकदम कांच जैसी और काली मिर्च और चासनी से तैयार होने वाली इस खास मिठाई का स्वाद भी करौली में खास मौके पर कुछ दिनों के लिए ही मिलता है. तिलगिनी का स्वाद केवल करौली में साल में एक बार भरने वाले रियासत कालीन मेले और पूर्वी राजस्थान के सबसे बड़े पशु मेलों में शुमार महाशिवरात्रि पशु मेला के दौरान ही मिल पाता है.

सैकड़ों वर्ष पुराना है स्वाद

सबसे खास बात, तिलगिनी नाम की इस खास मिठाई का स्वाद भी केवल करौली में ही मिल सकता है. इस मिठाई को तैयार करने वाली भी यहां कुछ चुनिंदा मुस्लिम कारीगर है. जो सैकड़ों सालों से इस खास मिठाई को बनाते आ रहे है. बात करे तिलगिनी की मांग की तो, वह भी जबरदस्त रहती है. इसकी अच्छी मांग रहने का एक कारण यह भी है जो भी इस मिठाई को एक बार चख लेता है तो फिर वह इसके स्वाद को नहीं भूल पाता है.

काली मिर्च, चासनी और लौंग के मसालों से होती है तैयार

कांच जैसी काली मिर्च की इस मिठाई को तैयार करने वाले कारीगर नदीम खान बताते है कि यह मिठाई खास मौके पर मेले के दौरान ही मिलती है. या फिर ऑर्डर पर तैयार की जाती है. नदीम बताते है कि इसे बनाने का एक सीक्रेट तरीका है. जिसे करौली में कुछ पुश्तैनी कारीगर ही जानते है. इसे तैयार करने के लिए सबसे पहले चासनी ली जाती है. फिर उसमें काली मिर्च के साथ अलग किस्म के मसालों के साथ लौंग खास का मसाला डाला जाता है. नदीम बताते है कि यह मिठाई स्वाद में भी बहुत शानदार और सेहत के लिए भी फायदेमंद रहती है. यह खाने को हजम करने में बहुत ही कारगर है. बाजार में यह मिठाई 240 रुपए किलो से ₹280 किलो तक बिकती है.

सिर्फ करौली में ही मिल सकता है स्वाद

इस मिठाई को खरीदने आए अशोक शर्मा ने बताया कि तिलगिनी का स्वाद केवल करौली में महाशिवरात्रि मेले में ही लिया जा सकता है. यहां पर सभी आम हम लोग इस मिठाई को दवाई के रूप में खाते हैं. इस प्रतिष्ठित मिठाई का स्वाद भी केवल करौली में ही मिल सकता है. बाकी अन्य जगह हमने ना तो इसका नाम कहीं सुना है ना ही इसको देखा है. शर्मा का कहना है कि स्वाद में भी है टेस्टी और काली मिर्च होने के बाद भी मीठी लगती है. कई सालों से करौली में इसका टेस्ट बरकरार है. हमारे दूरदराज के कई रिश्तेदार और मिलने वाले भी इस काली मिर्च की मिठाई के फैन है.

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