देवउठनी एकादशी से शुरू शादियों का सीजन, नवंबर-दिसंबर में 10 दिन गूंजेंगी शहनाई, 2024-25 में विवाह के 40 मुहूर्त


पटना : शहर में एक बार फिर शादियों का दौर शुरू होने जा रहा है, क्योंकि 12 नवंबर से देवउठनी एकादशी के बाद शुभ मुहूर्त का दौर शुरू हो रहा है. इस बार देवउठनी एकादशी के साथ ही नवंबर और दिसंबर में शादियों की चकाचौंध देखने को मिलेगी. शादियों के इस मौसम के चलते शादी गार्डन, होटल, धर्मशालाएं और बैंड-बाजा की बुकिंग्स तेजी से हो रही है. दीपावली के बाद बाजार में आई रौनक अब शादी के सीजन से और बढ़ने वाली है.

शुभ मुहूर्तों की बहार, नवंबर-दिसंबर में दस दिन गूंजेंगी शहनाइयां
शहर में शादी समारोहों की धूम इस बार कुछ खास है. पटना के मशहूर ज्योतिषविद डॉ. श्रीपति त्रिपाठी के अनुसार, विवाह के लिए शुभ मुहूर्त न केवल सुखद जीवन की शुरुआत के लिए आवश्यक मानें जाते हैं, बल्कि वे विवाह के संयोगों में भी सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं. इस साल नवंबर और दिसंबर में क्रमशः 3 और 7 शुभ मुहूर्त हैं, जिसमें सैकड़ों विवाह समारोह संपन्न होंगे.

वर्ष 2024-25 में 40 से अधिक विवाह मुहूर्त
एक वर्ष में विवाह के शुभ मुहूर्त की संख्या लगभग 40 होने जा रही है. डॉ. श्रीपति त्रिपाठी ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विवाह के लिए चंद्र, सूर्य और बृहस्पति की विशेष स्थिति को देखकर ही मुहूर्त निकाले जाते हैं. शुभ मुहूर्तों के चलते नवविवाहित जोड़ों को अनुकूल ग्रह संयोगों का लाभ मिलता है, जिससे विवाह के सुखद संयोग बनते हैं.

विशेष मुहूर्तों की सूची
नवंबर: 17, 22, 23
दिसंबर: 2, 3, 4, 5, 9, 10, 15
जनवरी: 16, 17, 21, 22
फरवरी: 8, 12, 13, 14, 15, 18, 20, 21, 25
मार्च: 5, 6
अप्रैल: 14, 16, 18, 19, 20, 21, 25, 29, 30
मई: 5, 6, 7, 8, 13, 14, 17, 28
जून: 1, 2, 4, 7, 8

जून-जुलाई में गुरु तारा अस्त, विवाह मुहूर्त की कमी
12 जून से 8 जुलाई 2025 तक गुरु तारा अस्त रहेगा, जिसके चलते इस दौरान विवाह मुहूर्त नहीं होंगे. गुरु तारे के अस्त होने पर विवाह, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं.

शादी के सीजन से सजे बाजारें
शादी का यह मौसम शहर के बाजारों को भी रोशन करने वाला है. बैंड-बाजा, कैटरिंग, परिधान और ज्वैलरी की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ देखने को मिल रही है. होटल और धर्मशालाओं में पहले से ही बुकिंग्स का दौर जारी है, जिससे व्यापारियों में खुशी की लहर है. इस प्रकार, देवउठनी एकादशी के बाद नवंबर-दिसंबर के इन शुभ मुहूर्तों में शहर में शादियों की रौनक छाई रहेंगी.

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