देश ही नहीं विदेश में भी मशहूर है भाईजी का पेड़ा, 85 साल से बिखेर रहे स्वाद का जादू
नरेश पारीक/चूरू. मावे से बने पेड़े तो अमूमन आपको हर जगह मिलेंगे. लेकिन चूरू में एक 85 साल पुरानी ऐसी पेड़ों की दुकान है. जिनके स्वाद के आज भी लोग दीवाने हैं. शहर के मुख्य बाजार में झारिया मोरी पर स्थित भाईजी के पेड़ों की दुकान जितने प्रसिद्ध इस दुकान के पेड़े है उतने ही प्रसिद्ध यहां डूंगर जी धुत थे. जिन्हें लोग प्यार से भाईजी कहकर बुलाते थे और इस दुकान का नाम ही फिर उन्होंने भाईजी पेड़े वाले रख लिया.
वर्षों पुरानी इस दुकान पर आज भी लोग दूर-दराज से पेड़े लेने आते हैं. अपने स्वाद के लिए मशहूर इन पेड़ों की दीवानगी सात समंदर पार भी है. भाईजी पेड़े की दुकान चलाने वाले सुंदरलाल प्रजापत बताते हैं उनके पेड़े देश ही नही बल्कि विदेशो में भी जाते हैं. कोलकाता, दिल्ली, मुंबई के अलावा सऊदी अरब, दुबई, इटली और अमेरिका में भी उनके पेड़ो की डिमांड है. राजस्थान घूमने आने वाले देशी विदेशी पर्यटक भी उनके यहां इस प्रसिद्ध पेड़े का स्वाद चखने जरूर आते हैं.
भाईजी के नाम से चल रही यहां आज ये दुकान
झारिया मोरी पर वर्षो पहले भाईजी पेड़ो की दुकान की स्थापना यहां डूंगर जी धुत ने की थी. उनके यहां काम करने वाले सीताराम प्रजापत ने पेड़े बनाने की ये कला सीखी. फिर यहाँ दूध डालने वाले तेजपाल सैनी ने डूंगर जी धुत उर्फ भाईजी को हाथ बंटाने के लिए अपने बेटे गोपीराम सैनी को छोड़ा और 1985 में भाईजी के देहांत के बाद आज यहां भाईजी की सिखाई उसी कला के दम पर ये दो दुकाने संचालित हो रही है. जिसे वर्तमान में सुंदरलाल प्रजापत और राकेश सैनी चला रहे हैं.
इसलिए है खास
भाईजी पेड़े की दुकान चलाने वाले सुंदरलाल प्रजापत और राकेश सैनी बताते हैं कि उनके पेड़ो का स्वाद आमतौर पर बिकने वाले पेड़ो से इसलिए खास है कि वह मावा यही दूध से निकालते हैं. दूध का मावा, फिर मावा में कम चीनी मिलाकर सिकाई करते हैं फिर घुटाई करते हैं और फिर से सिकाई करते हैं. इसके अलावा यहां स्पेशल केसर पेड़े भी बनाए जाते हैं. कम चीनी के पेड़ों के दाम जहां 360 रुपए किलो है तो स्पेशल केसर पेड़ों के दाम 400 रुपए किलो.
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FIRST PUBLISHED : June 10, 2023, 21:52 IST