नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बच्चों की किडनैपिंग करने वाली महिला गिरफ्तार


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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बच्चों का अपहरण करने वाली महिला और उसके गिरोह को पुलिस ने गिरफ्तार किया। गिरोह बच्चों को किडनैप कर नि:संतान दंपतियों को बेचता था।

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हाइलाइट्स

  • नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से बच्चों की किडनैपिंग का गिरोह धरा गया.
  • गिरोह बच्चों को किडनैप कर नि:संतान दंपतियों को बेचता था.
  • पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया.

Railway Crime News: कुछ महीनों के अंतराल में यह खिलाड़न नई दिल्‍ली रेलवे स्‍टेशन में दाखिल होती और अपने खेल को अंजाम देने के बाद वह दबे पांव वहां से निकल जाती. वहीं, पुलिस ही नहीं, जिस किसी को इस ‘खिलाड़न’ के ‘खेल’ के बारे मे पता चलता, उसका चेहरा फक्‍क पड़ जाता.

वहीं, करीब 17 महीनों की लगातार कड़ी मेहनत और इलेक्‍ट्रानिक सर्विलांस की मदद से रेलवे पुलिस आखिकार इस खतरनाक खिलाड़न के बिल तक पहुंचने में कामयाब हो गई. इस खिलाड़न को धरदबोचने के बाद जो सच सामने आया, उसे जानने के बाद पुलिसकर्मी भी सन्‍न रह गए.

इस खतरनाक खिलाड़न की निशानदेही पर पुलिस ने न केवल इसके पति, बल्कि दो अन्‍य महिलाओं को भी गिरफ्तार किया है. इसमें एक महिला एक वकील की मुंशी है और दूसरी महिला एक हॉस्पिटल में बतौर नर्स नौकरी करती है. इनके कब्‍जे से दो नवजात बच्‍चे भी बरामद किए गए हैं.

रेलवे स्‍टेशन से बच्‍चों को करते थे किडनैप
डीसीपी (रेलवे) केपीएस मल्‍होत्रा के अनुसार, यह गिरोह बच्‍चों को रेलवे स्‍टेशन से किडनैपिंग के बाद उन्‍हे नि:संतान दंपतियों को बेंच देता था. गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों की इस गिरोह में अलग-अलग भूमिका था. कोई बच्‍चा किडनैप करता, तो कोई फर्जी दस्‍तावेज तैयार करता था.

उन्‍होंने बताया कि 21 जनवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन फूड कोर्ट वेटिंग हॉल से चार महीने के बच्‍चे के अपहरण की शिकायत पुलिस को मिली थी. इस मामले की तफ्तीश के दौरान, पुलिस के संज्ञान में आया कि इस तरह की दो वारदातें पहले भी नई दिल्‍ली रेलवे स्‍टेशन पर हो चुकी है.

इसमें, एक वारदात 17 अक्‍टूबर 2024 की है और दूसरी वारदात 31 जुलाई 2023 की है. सीसीटीपी कैमरों की फुटेज खंगालने पर पता चला कि तीनों वारदातों में एक ही महिला बच्‍चों का किडनैप करती हुई नजर आई. बच्‍चों को किडनैप करने के बाद वह ऑटो रिक्‍शे में सवार होकर वहां से चली गई.

आखिरकार पुलिस को मिल ही गया ठिकाना
डीसीपी केपीएस मल्‍होत्रा ने बताया कि इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एसीपी संजीव चाहर के नेतृत्‍व में टीम का गठन किया गया. इस टीम में एसएचओ (एनडीआरएस) इंस्पेक्टर विश्वनाथ पासवान, महिला एसआई विद्या, महिला कॉन्‍स्‍टेबल बबीता, मोनिका और रीतू भी शामिल थे.

पुलिस टीम ने सबसे पहले उन ऑटो रिक्‍शे की पहचान कर उनके ड्राइवरों से पूछताछ की, जिससे यह महिला अपहृत बच्‍चों को लेकर गई थी. तीनों मामलों में शामिल ऑटो चालकों ने बताया कि यह उन्‍होंने इस आरोपी महिला को बदरपुर-फरीदाबाद बॉर्डर पर बने टोल गेट के पास छोड़ा था.

इसके बाद, पुलिस टीम ने नई दिल्‍ली रेलवे स्‍टेशन और बदरपुर इलाके में लगे 700 से अधिक सीसीटीवी कैमरों को खंगालना शुरू किया. इसके अलावा, टेक्निकल सर्विलांस और स्‍थानीय मुखबिरों को सक्रिय कर दिया गया. लंबी कवायद के बाद पुलिस टीम इस खिलाड़न के फरीदाबाद स्थिति ठिकाने तक पहुंच में सफल हो गई.

किडनैप किए गए दो नवजाब बच्‍चे हुए बरामद 
पुलिस ने इस आरोपी महिला और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया और दोनों से सघन पूछताछ का सिलसिला शुरू हुआ. पूछताछ के दौरान दो अन्‍य महिलाओं के नाम सामने आए, जिन्‍हें बाद में गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में पता चला कि इस सिंडीकेट की पहली कड़ी हॉस्पिटल में बतौर नर्स काम करने वाली एक महिला थी.

आरोपी महिला ऐसे नि:संतान दंपतियों को अपना निशाना बनाती थी, जो बच्‍चे की चाहत में इलाज के लिए हॉस्पिटल आते थे. आरोपी महिला इन दंपतियों को बच्‍चा गोद लेने के लिए तैयार करती थी. इसके बाद, खिलाड़न महिला नई दिल्‍ली रेलवे स्‍टेशन से बच्‍चा चोरी की वारदात को अंजाम देती थी.

इसके बाद, तीसरी आरोपी महिला का काम शुरू होता था. यह आरोपी महिला एक वकील के यहां बतौर मुंशी काम करती थी. बच्‍चे के गोद लेने की प्रक्रिया को वैद्य दिखाने के लिए फर्जी दस्‍तावेज तैयार करती थी. अपहृत किए गए बच्‍चों को अनाथ बताया जाता था. वहीं चौथे आरोपी और खिलाड़न के पति की भूमिका पैसों के लेन देने की होती थी.

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