नए रूप में दिखेंगे वाराणसी के दो महाश्मशान घाट, 34 करोड़ 86 लाख से बदलेगी सूरत


वाराणसी: बाबा विश्वनाथ के शहर बनारस को मोक्ष की नगरी भी कहा जाता है. इस शहर में दो महाश्मशान घाट है, जिनका अपना पौराणिक इतिहास है. ये दोनों महाश्मशान घाट जल्द ही नए रूप में नजर आने वाले हैं. इसके निर्माण का काम तेजी से जारी है. मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शवों के अंतिम संस्कार के लिए नए प्लेटफार्म बनाए जाएंगे. खास बात यह है कि पुराने भवन के टूटे मलबे का इस्तेमाल कर इन प्लेटफार्म को बनाया जाएगा. इसके अलावा घाटों पर चुनार और जयपुर के पत्थर भी लगेंगे, जो इनकी खूबसूरती में चार चांद लगाएंगे.

फिलहाल दोनो घाटों पर मलबे का अंबार है, लिहाजा इसके निर्माण की कार्यदायी संस्था घाटों पर पड़े मलबों को क्रूज की मदद से गंगा उसपर डोमरी ले जाएगी. फिर जैसे जैसे जरूरत होगी वैसे वैसे इन मलबे को वापस लाकर यहां नए प्लेटफॉर्म का निर्माण होगा. फिलहाल क्रूज से मलबे को उस पार ले जाने की तैयारी पर मंथन जारी है.

34 करोड़ 86 लाख से बदलेगी सूरत
वाराणसी के दोनों महाश्मशान घाट के पुनः निर्माण पर कुल 34 करोड़ 86 लाख रुपये खर्च होंगे. इसमें मणिकर्णिका घाट पर 18 करोड़ और हरिश्चंद्र घाट पर 16 करोड़ 86 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. इन रुपये से मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर नए प्लेटफार्म, शव यात्रियों के बैठने के लिए व्यवस्था सहित दूसरे सभी इंतजाम होंगे. ताकि, यहां आने वाले शवयात्री को किसी तरह की कोई परेशानी न हो.

खुले में नहीं होगा अंतिम संस्कार
बता दें कि नए कलेवर में श्मशान घाट के पुनः निर्माण का काम पूरा होने के बाद यहां खुले में शवों का अंतिम संस्कार नहीं होगा. इस जगह अंतिम संस्कार की व्यवस्था होगी. उसे चारों तरफ से कवर किया जाएगा. इसके अलावा सर्विस एरिया और दूसरी सभी सुविधाएं यहां उपलब्ध होंगी.

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