नवरात्रि में कलश पर रखे नारियल पर क्यों बांधते हैं कलावा? क्या आप जानते हैं इसका कारण, जानें पंडित जी से


हाइलाइट्स

कलावा एक पवित्र धागा है और माना जाता है कि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखता है. नारियल को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है.

Shardiya Navratri 2024 : हिन्दू धर्म में मां दुर्गा की आराधना का सबसे बड़ा पर्व शारदीय नवरात्रि को माना जाता है. जब पूरे नौ दिनों तक माता रानी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. इस दौरान भक्त व्रत रखते हैं और भजन कीर्तन करते हैं. पहले दिन कलश स्थापना की जाती है और अखंड ज्योत भी जलाई जाती है. इसके बाद कई प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान भी इस पर्व के में किए जाते हैं. आपने नवरात्रि में पूजा के दौरान नारियल में कलावा बांधते हुए देखा होगा. इसका क्या कारण है? आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.

1. नारियल में कलावा लपेटने का कारण
कलावा एक पवित्र धागा है और माना जाता है कि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखता है. वहीं नारियल को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है और नारियल में कलावा लपेटकर पूजा करने से वे भक्तों से प्रसन्न होती हैं. वहीं जब धन की देवी आपसे प्रसन्न होती हैं तो आपके घर में सुख समृद्धि आती है और आपको कभी आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता.

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2. देवी-देवताओं का आह्वान
नारियल की सतह पर दिखाई देने वाले तीन बिंदुओं को त्री के रूप में माना जाता है और इन्हें ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक माना गया है. कहा जात है कि, जब आप नारियल पर कलावा लपेटते हैं तो एक तरह से यह देवी-देवताओं का आह्वान होता है.

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3. मनोकामना बोलने पर पूरी होती है
मान्यता है कि जब आप नारियल पर कलेवा लपेटते हैं और कोई मनोकामना बोलते हैं तो वह जल्द पूरी होने की उम्मीद रहती है. इसके अलावा आपको सुख समृद्धि का आशीर्वाद भी मिलता है.

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