नीति आयोग के Fiscal Health Index 2025 में ओडिशा, छत्तीसगढ़ और गोवा सबसे आगे
नई दिल्ली:
खनिज संसाधनों से भरपूर ओडिशा, छत्तीसगढ़, गोवा और झारखंड शुक्रवार को जारी नीति आयोग की पहली राजकोषीय सेहत सूचकांक रिपोर्ट में शामिल राज्यों में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले ‘अचीवर’ बनकर उभरे हैं. ‘राजकोषीय सेहत सूचकांक 2025’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में 18 प्रमुख राज्यों को शामिल किया गया है. ये राज्य भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), जनसांख्यिकी, कुल सार्वजनिक व्यय, राजस्व एवं समग्र राजकोषीय स्थिरता में अपने योगदान के लिहाज से भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़े पैमाने पर संचालित करते हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और केरल इस सूचकांक के सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्य रहे हैं.
राज्यों की राजकोषीय स्थिति के बारे में समझ विकसित करने के उद्देश्य से तैयार की गई इस रिपोर्ट में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, कर्नाटक को ‘आकांक्षी’ श्रेणी में रखा गया है.
इस रिपोर्ट को 16वें वित्त आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने जारी किया. रिपोर्ट के मुताबिक, ओडिशा 67.8 के उच्चतम समग्र अंक के साथ राजकोषीय सेहत के मामले में उत्कृष्ट स्थिति में है. यह व्यय की गुणवत्ता और राजस्व जुटाने के तहत औसत से बेहतर प्रदर्शन के साथ ऋण सूचकांक (99.0) और ऋण स्थिरता (64.0) रैंकिंग में शीर्ष पर है.
इसके उलट केरल और पंजाब व्यय की कम गुणवत्ता और ऋण स्थिरता से जूझ रहे हैं. पश्चिम बंगाल भी राजस्व जुटाने और ऋण सूचकांक के मुद्दों का सामना कर रहा है.
राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक रिपोर्ट एक वार्षिक प्रकाशन होगा, जो भारतीय राज्यों के राजकोषीय स्वास्थ्य पर केंद्रित होगा. यह डेटा-आधारित अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा, जिसका उपयोग समग्र राजकोषीय प्रशासन, आर्थिक लचीलापन और राष्ट्र की स्थिरता में सुधार के लिए राज्य-स्तरीय नीति हस्तक्षेप के लिए किया जाएगा.