नीतीश कुमार अचानक पहुंचे 200 साल पुरानी काली मंदिर… क्या NDA प्रत्याशियों के लिए करेंगे प्रचार?


पटना. बिहार में चार विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया का काम पूरा हो चुका है. राज्य की रामगढ़, बेलागंज, तरारी और इमामगंज सीटों पर 13 नवबंर को वोट डाले जाएंगे और परिणाम 23 नवंबर को धोषित होंगे. राज्य की इन चारों सीटों पर 51 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है, इसमें 9 महिला उम्मीदवार भी हैं. इस उपचुनाव को लेकर बिहार की लगभग सभी पार्टियां खासकर बीजेपी, जेडीयू, आरजेडी, सीपीआई के साथ-साथ प्रशांत किशोर की नई नवेली पार्टी जनसुराज की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. लेकिन, इस बीच नीतीश कुमार का एक नया रूप सामने आया है, जिससे एनडीए खेमे में खुशी की लहर दौड़ सकती है.

दरअसल, बिहार उपचुनाव में तकरीबन सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपना कैंपेन स्टार्ट कर दिया है. स्टार प्रचारकों की लिस्ट भी सामने आने लगी है. लेकिन, इन सब के बीच राज्य के सीएम नीतीश कुमार का नया अंदाज देखने को मिला है. सीएम नीतीश कुमार ने अपने इस अंदाज से संकेत दिया है कि वह भी चुनाव अभियान में जल्द जुड़ सकते हैं. हालांकि, इन चार सीटों में से जेडीयू सिर्फ एक सीट बेलागंज पर ही चुनाव लड़ रही है. लेकिन, तरारी, रामगढ़ और इमामगंज में एनडीए के स्टार प्रचारक के तौर पर नीतीश कुमार की भूमिका अहम होने वाली है.

नीतीश कुमार मां काली के शरण में
जेडीयू सूत्रों की मानें तो अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि नीतीश कुमार कब से चुनाव प्रचार में उतरेंगे. लेकिन, शनिवार का उनका अंदाज देखकर लग रहा है कि वह जल्द ही चुनावी समर में कूदने वाले हैं. दरअसल, शनिवार को सीएम नीतीश कुमार अपने दलबल के साथ बख्तियारपुर स्थित काली मंदिर, जिसे महारानी स्थान के नाम से भी जाना जाता है वहां पहुंच गए. आपको बता दें कि यह काली मंदिर 200 साल पुरानी है. हाल ही में इस मंदिर का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण काम पूरा हुआ है. शनिवार को सीएम ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य का उद्घाटन किया.

एनडीए प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा दांव पर
सीएम नीतीश कुमार ने उद्घाटन के पश्चात काली मंदिर में पूजा-अर्चना कर राज्य की जनता के लिए सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की. बता दें कि इस प्रसिद्ध काली मंदिर की स्थापना लगभग 200 वर्ष पहले हुई थी. मंदिर का पौराणिक नाम महारानी स्थान, बख्तियारपुर है. मंदिर में काली मां की मूर्ति के साथ-साथ मां दुर्गा के नौ रूपों की मूर्ति भी स्थापित है. इसके साथ ही अन्य देवी देवताओं की मूर्ति भी एक ही मंदिर में स्थापित है.

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स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं द्वारा करीब दो वर्ष में इस पौराणिक मंदिर का जीर्णोद्धार एवं सौंदर्गीकरण कार्य कराया गया है. इसके तहत मंदिर की संरचना का मजबूतीकरण, पत्थर एवं टाईल्स का कार्य, गेट का निर्माण, पेंटिंग, लाईटिंग इत्यादि कार्य कराए गए हैं. क्योंकि, नीतीश कुमार का बचपन यहीं गुजरा है. इस वजह से नीतीश कुमार का इस मंदिर से पुराना रिश्ता है. इसी को देखते हुए सीएम यहां पहुंचे.

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