नीले गेहूं से चमकेगी अब सीमांचल के किसानों की किस्मत, सेहत और मुनाफा दोनों का होगा लाभ, जानें फायदे
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विक्रम कुमार झा/पूर्णिया : पूर्णिया के किसान अब पुराने ट्रेंड से अलग हटकर खेती में नया प्रयोग कर रहें हैं. पूर्णिया में अब नीले गेहूं की खेती होगी. अन्य गेहूं के मुकाबले इसका शीर्ष और बाली भी लंबी और दाना पुष्ट होता है. यह सामान्य गेहूं से ज्यादा उपज और ज्यादा कीमत देने वाली खेती है. पूर्णिया जिला मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूर बनमनखी गांव के किसान शशि कुमार ने लगभग डेढ़ एकड़ खेत में नीले गेहूं की खेती की है.
उन्होंने Local 18 से बताया कि वह हर बार नई-नई खेती करते हैं. इससे पहले भी वह काला गेहूं की खेती कर चुके थे. जिससे उन्हें ज्यादा मुनाफा हुआ था. फिर उन्होंने इस बार मुंबई के कृषि विभाग से मिले आइडिया के मुताबिक खेत में नीला गेहूं लगाया है. यह खेती उन्होंने श्री विधि के माध्यम से की है, जिससे गेहूं की फसल अच्छी उपजे देगी और आने वाले समय में एक एकड़ में ₹50000 से अधिक का मुनाफा वह कमा पाएंगे.
मुंबई का आइडिया और बिहार में किया ट्रायल
किसान शशि कुमार ने बताया किमुंबई से आइडिया लेकर इस बार काला लाल नहीं बल्कि नीले गेहूं की खेती की. जिससे ज्यादा कीमत और मुनाफा कमाते हैं. यह शरीर के लिए भी बहुत लाभदायक के साथ-साथ बाजार में इसकी अच्छी कीमत मिलती है. इसकी खेती करने के लिए भी उतना दिन ही और उतना ही समय लगता है, लेकिन इसकी खेती उसे तीन गुना ज्यादा मुनाफा मिलता है. इसलिए वह हर बार अपने खेत में अलग-अलग तरह की खेती किया करते हैं.
कृषि विभाग के वैज्ञानिक ने बताया नीले गेहूं के फायदे
कृषि विज्ञान केंद्र जलालगढ़ पूर्णिया के वैज्ञानिक दयानिधि चौबे कहते हैं की नीला गेहूं सेहत के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद है. हालाँकि उन्होंने कहा नीले गेहूँ में ऐंथोसायनिन पिग्मेंट व फेनोलिक एसिड प्रचुर मात्रा के साथ उच्च स्तरीय गुणों से भरपूर होता है. उन्होंने कहा इसमें कोलेस्ट्रॉल लेवल और ब्लड शुगर लेवल के साथ वसा कम करने में काफी सहायक होता है. एंथोसायनिन पिग्मेंट एंटीऑक्सीडेंट व एंटी-इंफ्लेमेंट्री जो प्रभाव डालता है जो इंसानी बॉडी में बहुत से बीमारियों को कंट्रोल करने में सहायक होता है. यौगिक मुक्त कणों को बेअसर करने में पूरी मदद करता है, जो उम्र बढ़ने के साथ होने वाली गंभीर बीमारियों से बचाने में कारगर होता है. इस नीले गेहूं में रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा होता है.
इन चीजों को बनाने में आता है नीला गेहूं काम
नीले रंग के गेहूं का उपयोग ज्यादातर बेकरी आइटम जैसे रोटी, ब्रेड और बिस्कुट में उपयोग होता है. नीला रंग होने से ये देखने में काफी आकर्षक होता है. वहीं, नीले गेहूं की डिमांड देश के बड़े शहरों के साथ-साथ विदेशों में खूब होती हैं. हालांकि उन्होंने कहा यह सामान्य भूरे रंग के गेहूं के मुकाबले नीला सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. इसकी खेती पूर्णिया के जलवायु के अनुकूल है, जिससे बेहतर उपज के साथ बेहतर मुनाफे का सौदा होता है. इसकी खेती से किसान भाई ज्यादा मुनाफा होने की उम्मीद रहती है.
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Tags: Bihar News, Local18, Purnia news
FIRST PUBLISHED : March 27, 2024, 05:31 IST
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