पटना AIIMS डायरेक्टर के बेटे के OBC सर्टिफिकेट की जांच शुरू, DM की अध्यक्षता में बनी कमिटी, जानें पूरा मामला


पटना. बिहार की राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ में स्थित एम्स (AIIMS) पटना के कार्यकारी निदेशक सह सीईओ डॉ गोपाल कृष्ण पाल के बेटे के ओबीसी सर्टिफिकेट मामले में जांच शुरू हो गयी है. बिहार सरकार ने पटना एम्स निदेशक के बेटे को ओबीसी (Other Backward Case) और एनसीएल (Non Creamy Layer) प्रमाण पत्र जारी करने में कथित गड़बड़ी की जांच शुरू कर दी है. डॉक्टर पाल के बेटे डॉक्टर ऑरो प्रकाश पाल के ओबीसी प्रमाण पत्र में खामियों की जांच के लिए पटना के डीएम की अध्यक्षता में तीन सदस्य समिति का गठन किया गया है जिसमें कल्याण अधिकारी और जिला लेखा अधिकारी भी शामिल है. इसकी जानकारी पटना के डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने दी है.

बता दें, बिहार और यूपी में ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण के लाभ के वे हकदार नहीं होते हैं. इसके बावजूद पटना एम्स के डायरेक्टर के बेटे  का ओबीसी सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है.  इतना ही नहीं जाति प्रमाण पत्र आमतौर पर आवेदक के निवास स्थान से जारी किया जाता है. लेकिन, डॉक्टर पाल के बेटे का ओबीसी प्रमाण पत्र पटना से ही जारी कर दिया गया. इसमें उनका पता पटना के दानापुर अनुमंडल के खगोल ब्लॉक में एम्स आवासीय परिसर दिखाया गया है, जबकि उनका स्थाई पता उड़ीसा है.

पटना डीएम बोले- समिति जल्द सौंपेगी जांच रिपोर्ट

डीएम चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि 10 सितंबर को डॉक्टर पाल ने सर्टिफिकेट रद्द करने का अनुरोध किया था जिसके तुरंत बाद मेरे स्तर पर ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करने में बरती गई अनियमितता की जांच शुरू की गई. उम्मीद है कि जांच समिति जल्दी अपनी रिपोर्ट सौंप देगी. डॉक्टर ऑरो प्रकाश पाल को पटना से दो ओबीसी प्रमाण पत्र जारी किया गया है. पहला प्रमाण पत्र 13 जनवरी को फुलवारी शरीफ ब्लॉक के राजस्व अधिकारी और दूसरा 27 अप्रैल को दानापुर के राजस्व अधिकारी द्वारा जारी किया गया है. पटना से जारी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर डॉक्टर ऑरो प्रकाश पाल को 30 अगस्त को गोरखपुर एम्स में माइक्रोबायोलॉजी में 3 वर्षीय स्नातक उत्तर एचडी पाठ्यक्रम में ओबीसी कैटेगरी के तहत नामांकन की सुविधा मिली, जबकि उनके पिता डॉक्टर पाल नॉन क्रीमीलेयर में नहीं आते हैं.

3 सितंबर को दे दिया था इस्तीफा 

सोशल मीडिया पर ओबीसी प्रमाण पत्र के आधार पर उनकी नियुक्ति की खबर आने के बाद डॉक्टर ऑरो प्रकाश पाल ने 3 सितंबर को एचडी पाठ्यक्रम से इस्तीफा दे दिया. डॉक्टर कृष्ण गो पाल ने कहा कि उनके बेटे ने 300000 जुर्माना भरने के बाद इस्तीफा दे दिया और गोरखपुर एम्स भी छोड़ दिया है क्योंकि उसे सब्जेक्ट ही पसंद नहीं आया. इसके तुरंत बाद गोरखपुर एम्स के सर्जरी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर और प्रमुख के गौरव गुप्ता ने 5 सितंबर को एक ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई जिसमें मामला दर्ज करने और कार्रवाई की मांग की गई

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