पटाखा बेचने के लिए धौलपुर के लोग कर लें ये काम, इसके बिना नहीं बेच पाएंगे पटाखे


रिपोर्ट- धर्मवीर बघेल

धौलपुर: नवरात्रि में 9 दिनों तक शहर, मुहल्ले और दुकानें खूब गुलजार रहीं. अब मां दुर्गा और काली आदि की मूर्तियों के विसर्जन के बाद सन्नाटा छा जाएगा. नवरात्रि में लोगों ने खूब खरीदारी की. कुल मिलाकर बाजार में रौनक रही. अब दिवाली करीब आ रही है. इस त्योहार पर भी लोग कपड़े खरीदने से लेकर वाहन, मकान, जमीन, सोना-चांदी आदि खरीदते हैं. इससे बाजार एक बार फिर गुलजार होंगे. दिक्कत सिर्फ उन लोगों के सामने आती है जो पटाखा बेचने पर निर्भर रहते हैं. दरअसल, पटाखों पर बैन लगने और कड़ाई के चलते लोगों को पटाखा बेचने के लिए कड़े नियमों का पालन करना होता है.

वैसे तो पटाखों की बिक्री पर काफी जगह पूरी तरह से बैन है लेकिन ग्रीन पटाखे या ग्रीन आतिशबाजी सामग्री विक्रेताओं को छूट मिलती है. ऐसे में धौलपुर पटाखा विक्रेता अस्थाई लाइसेंस के लिए 10 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक निर्धारित प्रारूप में आवेदन पत्र संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट को प्रस्तुत कर सकते हैं.

पटाखा खतरनाक होता है और इसके विस्फोट से बड़ी घटना हो सकती है. इसलिए इसकी बिक्री के लिए खुला सार्वजनिक स्थान चिन्हित किया जाता है. धौलपुर में भी पटाखा विक्रेताओं को खाली भूखण्डों पर 30 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक की अवधि के लिए अस्थायी लाइसेंस जारी किया जाएगा. इसके लिए अनुमोदन जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय धौलपुर को भेजे जायेंगे.

लाइसेंस के लिए ली जाएगी इतनी फीस
चिन्हित किये गये स्थानों पर पानी प्रकाश और सफाई की व्यवस्था संबंधित नगर परिषद, नगर पालिका, ग्राम पंचायत से कराई जायेगी. व्यवस्थाओं के एवज में संबंधित अस्थाई लाइसेंस धारक से एक निश्चित शुल्क 600 रुपये लिया जायेगा. दिवाली पर बिना लाइसेंस के कोई व्यक्ति आतिशबाजी और पटाखों की बिक्री नहीं करें. यदि कोई व्यक्ति बिना लाइसेंस के बाजार में या अन्य कहीं आतिशबाजी सामग्री, पटाखा विक्रय करता हुआ पाया जाता है तो उसपर कठोर कार्यवाही की जायेगी.

यह त्योहार दीपक और पटाखों का त्योहार होता है. इसलिए सावधानी की जरूरत रहती है. प्रशासन पटाखा बेचने वालों के लिए भी कड़े नियम बनाता है जिससे कि कोई घटना ना घटे.

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