पहली बार अपने बूथ पर वोट दे पाए वोटर, जमकर कर हुआ मतदान, आखिर क्या थी वजह?
चतरा. झारखंड बिहार से साल 2000 में अलग हुआ था. इस राज्य को बने लगभग 24 साल हो गए हैं, तब से 5 लोकसभा चुनाव और इतने ही विधानसभा चुनाव हो चुके हैं. राज्य के गठन के बाद यह पहली बार हुआ कि चतरा जिले के लोग अपने बूथ पर पहली बार वोटिंग कर पाए. इस जिले के माओवाद प्रभावित पांच गांवों के मतदाताओं ने पहली बार सोमवार को अपने बूथ पर बड़ी संख्या में मतदान किया.
इससे पहले, कान्हाचट्टी ब्लॉक के गरिया, अमकुदर, पथेल, बनियाबांध और सिकिद गांवों के मतदाताओं को केंदुआ, सहोरे या जाशपुर में मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए जाना पड़ता था और इसके लिए ऊबड़-खाबड़ इलाके में 10-11 किमी तक पैदल चलना पड़ता था. अधिकारी ने कहा कि माओवादियों से खतरे के कारण उनके बूथ को स्थानांतरित कर दिया जाता था.
हालांकि, इस बार जिला प्रशासन ने पांच गांवों के निवासियों के लिए गरिया, सिकिद और पथेल में तीन बूथ बनाए. सिकिद बूथ को गरिया के साथ जोड़ दिया गया. अपराह्न तीन बजे तक तीनों बूथ पर 50 फीसदी से अधिक मतदान हुआ. कान्हाचट्टी खंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) प्रमोद कुमार ने कहा कि पांच गांवों के मतदाताओं ने झारखंड गठन के बाद पहली बार अपने बूथ पर मतदान किया है. कुमार ने कहा, ‘पहले माओवादियों के चुनाव बहिष्कार के आह्वान और क्षेत्र से स्थानांतरित किए गए मतदान केंद्रों की दूरी के कारण यहां मतदान प्रतिशत कम रहता था.’
गौरतलब है कि कभी नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाला छत्तीसगढ़ के चांदामेटा गांव में लोकसभा के पहले चरण में पहली बार वोटिंग हुई थी. 162 महिलाओं समेत 325 पंजीकृत मतदाताओं ने पहली बार लोकसभा उम्मीदवार चुनने के लिए मतदान किया. चांदामेटा में सुरक्षाकर्मियों द्वारा एक शिविर स्थापित करने से निवासियों को अपनी सुरक्षा का भरोसा मिला. वे बिना किसी डर के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने के लिए घर से बाहर निकले.
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FIRST PUBLISHED : May 20, 2024, 22:51 IST