पहाड़ी क्षेत्र में अगेती आलू की खेती में रखें इन बातों का ध्यान, 80 दिनों में होगा बंपर उत्पादन


श्रीनगर गढ़वाल. उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में अब किसान पारंपरिक खेती छोड़कर सब्जियों की खेती पर जोर दे रहे हैं. पहले यहां के किसान केवल गेहूं, धान, और मडुआ की खेती करते थे, लेकिन अब वे अधिक मुनाफा कमाने के लिए आलू, प्याज और गोभी समेत अन्य सब्जियों की खेती भी कर रहे हैं. ऐसे में, यदि आप भी पर्वतीय क्षेत्र के किसान हैं, तो आलू की खेती करना चाहते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना पड़ेगा. माना जाता है कि आलू की खेती से बेहतर उत्पादन लेना कोई बहुत मुश्किल काम नहीं है. लेकिन सबसे पहले मिट्टी का चुनाव, उन्नत किस्म के बीज और उर्वरकों के सही इस्तेमाल और खेती करने सही विधि का पता होना जरूरी है.

गढ़वाल विश्वविद्यालय के कृषि विशेषज्ञ ईश्वर सिंह ने लोकल 18 को बताया कि पहाड़ों में आलू की अगेती बुवाई 15 से 25 सितंबर और इसकी पछेती बुवाई के लिए 15-25 अक्टूबर तक का समय सही माना जाता है.लेकिन उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में आलू की खेती सितंबर से पहले ही शुरू कर दी जाती है. हालांकि, मध्य हिमालयी क्षेत्र में अभी भी अगेती आलू की खेती की जा सकती है. आलू की खेती के लिये बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है और पर्वतीय क्षेत्रों में ये कई जगह पाई जाती हैं.

पहाड़ी क्षेत्र के लिए आलू की बेस्ट किस्में
ईश्वर सिंह बताते हैं कि अगेती आलू की खेती के लिए 15 से 30 डिग्री सेल्सियस का तापमान उपयुक्त होता है. अगेती आलू की खेती के समय ऐसी किस्मों का चयन करना चाहिए जो अधिक तापमान सहन कर सकें, जिनमें कुफरी सूर्या एक प्रमुख किस्म है, जिसे सीपीआरआई, मोदीपुरम, उत्तर प्रदेश द्वारा विकसित किया गया है. किसान इस किस्म को अगेती फसल के रूप में उगा सकते हैं और इससे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

ऐसे करें आलू की खेती
ईश्वर सिंह ने लोकल 18 को बताया कि आलू की खेती 3 प्रकार के बेड बनाकर की जा सकती है. फ्लैट बेड में आलू लगाते समय दो बार मिट्टी चढ़ानी होती है, जबकि ट्रेंच में 15 से 20 दिन बाद मिट्टी चढ़ाई जाती है. मेड वाले आलू पर 30 से 35 दिन में मिट्टी चढ़ाने की आवश्यकता होती है. आलू लगाने के लिए 5 सेंटीमीटर तक के आलू को काटा जाता है और फिर उसे फफूंदनाशक से उपचारित किया जाता है, इसके बाद इसे खेत में लगाया जाता है. आलू की फसल में 8 से 10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी होती है. अगेती आलू की फसल 60 से 80 दिनों में तैयार हो जाती है.

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