पाकिस्तान-अफगानिस्तान जंग में तीसरे देश की एंट्री! पुतिन की बढ़ गई बैचेनी, जिससे थी दोस्ती की उम्मीद वही ठोक रहा



Durand Line Border 2024 12 18e58af3a983bbfca49eeb3bd316abc8 पाकिस्तान-अफगानिस्तान जंग में तीसरे देश की एंट्री! पुतिन की बढ़ गई बैचेनी, जिससे थी दोस्ती की उम्मीद वही ठोक रहा

इस्लामाबाद. पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर पर जारी तनाव बेहद गंभीर स्थिति में पहुंच गया है. दोनों पक्ष डुरंड लाइन को पार कर एक दूसरे के क्षेत्र पर हमला बोल रहे हैं. एक बार फिर से डुरंड लाइन विवाद सिर उठा सकता है. अफगान मीडिया के मुताबिक रूस ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने रविवार को एक बयान में कहा कि मॉस्को ‘पाकिस्तान-अफगान सीमा’ पर बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित है और वह दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील करता है.

ज़खारोवा ने कहा, “हम संबंधित पक्षों से संयम बरतने और रचनात्मक वार्ता करने की अपील करते हैं, जिसका उद्देश्य सभी मतभेदों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाना है.” इससे पहले शनिवार को सीमा चौकियों पर हुए भीषण संघर्ष में शनिवार को 19 पाकिस्तानी सैनिक और तीन अफगान नागरिकों की मौत हो गई. अमू टीवी के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने स्वीकार किया है कि तालिबान ने सीमा के पास उसकी चौकियों पर ‘बिना उकसावे के भारी हथियारों से गोलीबारी’ की है.

रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को सोशल मीडिया पर पाकिस्तान सशस्त्र बलों की तरफ से जारी एक रिपोर्ट में, पाकिस्तान की सेना ने कहा कि उसके बलों ने जवाबी गोलीबारी की जिसमें 15 से अधिक आतंकवादी मारे गए और तालिबान लड़ाकों को काफी नुकसान हुआ. सेना ने कहा कि यह झड़प कथित तौर पर अफगान तालिबान तत्वों द्वारा समर्थित घुसपैठ के प्रयास के कारण हुई थी.

हालांकि, तालिबान ने अलग दावा किया कि यह हमला अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में हाल ही में हुए पाकिस्तानी हवाई हमलों का जवाब था. तालिबान के अनुसार, बरमल जिले में शरणार्थी शिविर को निशाना बनाकर किए गए उन हमलों में महिलाओं और बच्चों सहित 46 लोग मारे गए थे.

कभी एक दूसरे के गहरे दोस्त रहे तालिबान और इस्लामाबाद आज सैन्य झड़पों तक पहुंच गए हैं. इस्लामाबाद और काबुल के बीच दुश्मनी की सबसे बड़ी वजह तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी या पाकिस्तानी तालिबान) है..

टीटीपी का उद्देश्य पाकिस्तानी सशस्त्र बलों और राज्य के खिलाफ आतंकवादी अभियान चलाकर पाकिस्तान सरकार को उखाड़ फेंकना है. मीडिया रिपोट्स् के मुताबिक यह पाकिस्तान की निर्वाचित सरकार को हटाकर इस्लामी कानून की अपनी व्याख्या के आधार पर एक कट्टरवादी शासन की नींव रखना चाहता है. हाल के दिनों ने, इस्लामाबाद ने बार-बार अफगान सरकार पर सशस्त्र समूहों, विशेष रूप से टीटीपी को पनाह देने का आरोप लगाया है. हालांकि काबुल इस आरोप को खारिज करता रहा है.

इस संघर्ष की वजह से एक बार फिर डुरंड लाइन विवाद बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है. डुरंड लाईन अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच लगभग 1,600 मील (2,600 किमी) तक फैली हुई है. यह अपने पश्चिमी छोर पर ईरान की सीमा पर और अपने पूर्वी छोर पर चीन की सीमा पर समाप्त होती है. इसे 1893 में ब्रिटिश भारत और अफ़गानिस्तान के अमीरात के बीच सीमा के रूप में स्थापित किया गया था. इसका नाम सर हेनरी मोर्टिमर डुरंड के नाम पर रखा गया है, जो भारत की औपनिवेशिक सरकार के विदेश सचिव थे, जिन्होंने अफ़गानिस्तान के अमीर अब्दुर रहमान खान को एक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सहमत होने के लिए प्रेरित किया था.

हालांकि डुरंड लाइन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा के रूप में मान्यता प्राप्त है, लेकिन अफगानिस्तान ने इसे कभी भी पूरी तरह से नहीं स्वीकार किया है. वर्ष 2017 में, सीमा पार तनाव के बीच, पूर्व अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा था कि अफगानिस्तान डुरंड लाइन को दोनों देशों के बीच सीमा के रूप में ‘कभी मान्यता नहीं देगा.’

Tags: Afghanistan news, Pakistan army, Russia, Vladimir Putin



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