पानी का महत्व समझाने का अनोखा अंदाज, नाटक और डांस के जरिए दे रहे ‘ जल ही जीवन है’ का संदेश
जुगल कलाल / डूंगरपुर. राजस्थान के अन्य जिलों की तरह आदिवासी बहुल इलाके डूंगरपुर में भी पीने के पानी की काफी कमी है. यहां गांवों में पानी की सप्लाई की स्थिति बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है. ऐसे में जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत गांवों और पहाड़ी इलाकों में पानी पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. कई गावों में पानी पहुंचा भी, जहां पानी पहुंचा है वहां के लोगों को पानी का सदुपयोग करने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है.
जल जीवन मिशन के तहत ही इन दिनों आदिवासी बहुल डूंगरपुर में भी लोगों को पानी का महत्व बताने के लिए अनोखा तरीका अपनाया जा रहा है. गांव-गांव, धाणी-धाणी जाकर नुक्कड़ नाटक के जरिए पानी का बचाव का संदेश दिया जा रहा है. जब भी नुक्कड़ नाटक टोली किसी गांव में पहुंचती है, तो अनोखे अंदाज में नाच गाना करते हुए पूरे गांव में घूमती है. उसे देख गांव वाले उनके पीछे-पीछे जाते हैं. इसके बाद नुक्कड़ नाटक टोली एक जगह रुकती है और फिर पानी के महत्व को समझाती है. वहीं, नुक्कड़ नाटक के ज़रिए लोगों को यह भी बताती है कि जल जीवन मशीन योजना क्या है, और कौनसे दस्तावेज लगाकर लोग जल जीवन मिशन का फायदा ले सकते हैं.
नुक्कड़ नाटक के जरिए पानी के दुरुपयोग को रोकने की अपील
नुक्कड़ नाटक के जरिए जल जनित बीमारियों से बचाव, खेती-बाड़ी में कम पानी वाली फसलों के बारे में जानकारी, भू जलस्तर घटने के कारण, भूजल स्तर को बढ़ाने के प्रयास और गांव में सामुदायिक जल वितरण प्रणाली के संचालन किया जाता है. प्रबंधन जल स्तोत्र का सही तरीके से उपयोग, जल स्तोत्र के समीप की स्वच्छता रखना, सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से पेयजल व्यवस्था करना, हर घर नल से जल प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पीने योग्य जल उपलब्ध कराने और योजना संचालन हेतु नगर जन सहयोग प्रदान करने की जानकारी विभिन्न संवाद द्वारा कलाकारों ने जल संग्रहण और स्वच्छता को अभिव्यक्त किया जाता है.
इसका उद्देश्य है कि लोग पानी का बचाव करें और पानी के महत्व को समझे. इसी के साथ सरकार की जल जीवन मिशन को सफ़ल बनाने और लोग जल जीवन मिशन योजना में कैसे आवेदन करें, उसके बारे में भी नुक्कड़ नाटक के ज़रिए लोगों को समझाया जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED : June 14, 2023, 13:13 IST