पितरों का चाहते हैं आशीर्वाद? तो इस सोमवती अमावस्या पर करें ये उपाय, बने कई शुभ संयोग


नर्मदापुरम. सनातन धर्म में अमावस्या की विशेष मान्यता है. खासकर सोमवार के दिन आने वाली अमावस्या पर्व के रूप में मानी जाती है. सोमवार के दिन पड़ने के कारण ही इसे सोमवती अमावस्या कहते हैं. इस साल सितंबर में सोमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है. सोमवती अमावस्या के अवसर पर ब्रह्म मुहूर्त में अपने आस पास पवित्र नदियों में स्नान, दान करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है.

खास कर सुहागिन इस दिन पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. इससे संतान के जीवन में सुख की प्राप्ति होती है. ज्योतिषाचार्य पंडित पंकज पाठक ने बताया कि भाद्रपद में सोमवती अमावस्या का कैसा संयोग बन रहा है. साथ ही पितरों का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो सोमवती अमावस्या पर क्या-क्या करें, जानें सही तारीख, महत्व और उपाय.

सोमवती अमावस्या की सही तारीख
पंडित पंकज पाठक के अनुसार हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि 2 सितंबर को सुबह 05:21 मिनट पर शुरू होगी. इसके बाद अगले दिन 3 सितंबर को सुबह 07:24 मिनट पर इसका समापन होगा. इसलिए सोमवती अमावस्या 2 सितंबर दिन सोमवार को मनाई जायगी. ये भाद्रपद माह की अमावस्या होगी. कहते हैं कि इस तिथि पर पितरों का श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान कर दिया जाए, तो जीवन के हर दुख और सभी प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं.

ब्रह्म मुहूर्त:- सुबह 04:38 मिनिट से सुबह 05.24 मिनिट तक.

पूजा मुहूर्त:- सुबह 06:09 मिनिट से सुबह 07:44 मिनिट तक.

अमावस्या में क्या करें
सोमवती अमावस्या का दिन पितरों और शिव पूजा के लिए समर्पित माना गया है. इस दिन आप सूर्योदय से पूर्व पवित्र नदी में स्नान करें. इसके बाद फिर कच्चे दूध में दही, शहद मिलाकर भगवान शिव जी का अभिषेक कीजिये. साथ ही चौमुखी घी का दीपक जलाकर शिव चालीसा का पाठ कीजिये. इस दिन अगर महिलाएं व्रत करती है, तो उनके सुहाग पर संकट नहीं आता साथ ही वंश वृद्धि होती है. इसके अलावा कार्यों में आ रही अड़चने खत्म होती है. बिगड़े हुए काम पूरे होते है. सोमवती अमावस्या पर पवित्र नदी में स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए. इसके अलावा मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं. साथ ही चीटिंयों को आटा डालें. पीपल, बरगद, केला, तुलसी जैसे पेड़ भी लगाने चाहिए. इनमें देवताओं का वास माना जाता है. मान्यता है इससे सोमवती अमावस्या पर किए गए ये कार्य पितरों को प्रसन्न करते हैं जिसके कारण जीवन में खुशहाली आती है.

Tags: Dharma Aastha, Hoshangabad News, Lifestyle, Local18

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



Source link

x