पिता के त्याग ने देश को दिया स्टार शूटर! करनाल के अनीश भनवाला ने एशियन गेम्स में जीता कांस्य पदक
हिमांशु नारंग/करनाल. जब कुछ करने चाह और उसे हासिल करने का जज्बा हो तो नामुमकिन भी मुमकिन हो जाता है. करनाल के शूटर अनीश भनवाला ने चीन में चल रहे एशियन गेम्स में शूटिंग में देश को कांस्य पदक दिलाकर ये साबित कर दिखाया है. शूटर अनीश भनवाला की कामयाबी के पीछे उसके पिता का त्याग, उसकी सालों की मेहनत,संघर्ष है. अनीश को उसके पिता शूटर बनाना चाहते थे इसके लिए उन्होंने अपने प्रोफेशन का भी त्याग कर दिया. आज वही बेटा शूटिंग में देश का नाम रोशन कर रहा है.कर्ण की नगरी करनाल के रहने वाले अनीश भनवाला ने चीन में हो रहे एशियाई खेलों में 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल के टीम इवेंट में देश को कांस्य पदक दिलाया है. वहीं क्तिगत निशानेबाजी में करनाल के अनीश भनवाला चूक गए.
अनीश ने टीम इवेंट में ये पदक जीता है. इस प्रतियोगिता में चीन पहले स्थान पर रहा, कोरिया दूसरे स्थान पर और भारत को कांस्य पदक मिला. 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल टीम में अनीश बनवाला के साथ विजयवीर संधू जो पंजाब के खिलाड़ी हैं और आदर्श सिंह जो फरीदाबाद के खिलाड़ी हैं वो टीम में रहे. इस जीत के बाद घर में खुशी का माहौल है.
अनीश का अब तक का सफर
अनीश ने 2023 सीनियर शूटिंग वर्ल्ड कप के 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल में 12 साल बाद भारत का सूखा खत्म किया था और भारत को ब्रांज मेडल दिलाया था. उससे पहले 2022 में सीनियर वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में अनीश की टीम को गोल्ड मिला था. 2018 में ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम के 25 मीटर रेपिड फायर में अनीश ने देश को गोल्ड दिलाया था. उस समय वो 10वीं कक्षा में पढ़ाई करते थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी थी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मन की बात में अनीश के साथ बात की थी और उन्हें बधाई दी थी. 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल में अनीश भनवाला को महारत हासिल है, उन्होंने मेडलों की झड़ी लगा रखी है. फरवरी 2018 सिडनी में आयोजित जूनियर वर्ल्ड कप में इंडिविजुअल इवेंट में अनीश ने गोल्ड मेडल हासिल किया था. अनीश ने वहां पर 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल में भाग लिया था. अनीश का लक्ष्य 2024 में पेरिस में आयोजित होने वाले ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड लेकर आना है. अनीश अब तक नेशनल में 65 और इंटरनेशनल में करीब 31 पदक अपने नाम कर चुका है. यहीं नहीं पांच बार लगातार जूनियर चैंपियन और पांच बार सीनियर चैंपियन भी रह चुका है.
बेटे के लिए पिता का त्याग
बेटे की कामयाबी से परिवार में खुशी का माहौल है .घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.अनीश की सफलता में उसके माता-पिता का बहुत बड़ा रोल है. अनीश के पिता जगपाल भनवाला ने बताया कि शुरुआत में परिवार करनाल में रहता था. बच्चों की दसवीं तक की पढ़ाई-लिखाई भी करनाल में ही हुई. खुद वह करनाल कोर्ट में वकालत करते थे. अनीश के पिता के मुताबिक जब अनीश ने शूटिंग खेलना शुरू किया तो करनाल में अच्छी शूटिंग रेंज नहीं थी. बेटे को अच्छा शूटर बनाने का सपना संजाए बैठे पिता ने करनाल छोड़ दिया और फरीदाबाद में रहने लगे. साल 2015 में वो फरीदाबाद शिफ्ट हो गए. अनीश को दिल्ली की करणी सिंह शूटिंग रेंज में ट्रेनिंग दिलवानी शुरू कर दी. यहां अभ्यास से अनीश के खेल बेहतर होता गया आज बेटा विदेशी जमीन पर देश के लिए मेडल जीत रहा है.
मां ने बताए बचपन किस्से
अनीश की मां पूनम ने बताया कि बचपन से ही अनीश काफी शांत स्वभाव का था. उसने कभी भी बचपन में ज्यादा शरारत नहीं की. खेलकूद में पहले से ही रुचि थी.10 साल की उम्र में अनीश ने शूटिंग शुरू कर दी थी. पढ़ाई में भी अच्छा था. इस समय अनीश मानव रचना यूनिवर्सिटी से एमबीए फर्स्ट ईयर की पढ़ाई कर रहा है. बेटे की उपलब्धि पर माता-पिता को गर्व है.
बहन भी है स्टार शूटर
अनीश की बड़ी बहन मुस्कान भी शूटर हैं. अनीश से दो साल बड़ी मुस्कान इंटरनेशनल शूटर है. जिन्होंने 2018 में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित कॉमनवेल्थ खेल में 25 मीटर पिस्टल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल किया था. इसके अलावा कई अन्य प्रतियोगिताओं में अपने खेल देश-प्रदेश का मान बढ़ाया.
डीएसपी की सलाह पर चुनी शूटिंग
अनीश ने मॉडर्न पेंटाथलॉन से अपने खेल की शुरुआत की थी. जिसमें फेंसिंग, शूटिंग, स्विमिंग, हॉर्स राइडिंग और रनिंग ये 5 गेल खेलते थे. इन सभी गेम्म अनीश अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन वक्त के साथ एक साथ इतने खेल खेलना उनके लिए आसान नहीं था. ऐसे में एक दिन पड़ोस में रहने वाले हरियाणा पुलिस के डीएसपी ने शूटिंग में जाने की सलाह दी.यहीं से अनीश ने शूटिंग गेम चुना और आज वो इस मुकाम पर हैं. अब सभी को अनीश के घर लौटने का इंतज़ार है ताकि बेटे के ढोल-नगाड़ों के साथ जबरदस्त स्वागत किया जा सके.
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FIRST PUBLISHED : September 27, 2023, 19:40 IST