पुतिन को न्‍योता भेज बुरा फंसा मित्र देश, मानना ही होगा इंटरनेशनल कोर्ट का अरेस्‍ट वारंट! रूस के कान खड़े


हाइलाइट्स

व्‍लादिमीर पुतिन पर ICC ने अरेस्‍ट वारंट जारी किया था.इसके बाद से पुतिन ICC के सदस्‍य देश के दौरे पर नहीं गए.अब व्‍लादिमीर पुतिन मंगोलिया के दौरे पर जा रहे हैं.

नई दिल्‍ली. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले सप्ताह पड़ोसी देश मंगोलिया की यात्रा पर जा रहे हैं. पुतिन को देश में आने का बुलावा देकर मंगोलिया इस वक्‍त बुरी तरह फंसता नजर आ रहा है. मंगोलिया इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट यानी ICC का सदस्य है. पिछले साल ही आईसीसी ने पुतिन के खिलाफ अरेस्‍ट वारंट जारी किया था. वारंट जारी होने के बाद यह पुतिन की किसी ICC के सदस्य देश की पहली यात्रा होगी. ऐसे में मंगोलिया इस वक्‍त धर्म संकट की स्थिति में है. एक तरफ उसे रूस से दोस्‍ती निभानी है. वहीं, दूसरी और उसे हेग में स्थित अंतरराष्‍ट्रीय अदालत के मार्च 2023 के आदेश की तामिल करनी है.

इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने बीते साल यूक्रेन के बच्चों को अवैध रूप से रूसी-नियंत्रित क्षेत्र में निर्वासित करने का आरोप लगाते हुए अरेस्‍ट वारंट जारी किया था. पुतिन वारंट जारी होने के बाद से किसी भी ऐसे देश की यात्रा से बचते रहे हैं जो आईसीसी का पूर्ण सदस्‍य है. अब 3 सितंबर को पुतिन मंगोलिया की यात्रा करेंगे. मंगोलिया में अरेस्‍ट होने के सवाल पर रूसी सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती की रिपोर्ट सामने आई, जिसमें क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव के हवाले से लिखा गया कि यात्रा को लेकर कोई चिंता नहीं है. कहा गया कि यह यात्रा मंगोलियाई राष्ट्रपति उखना खुरेलसुख के निमंत्रण पर हो रही है. पेस्कोव ने कहा, “मंगोलिया के हमारे मित्रों के साथ हमारी शानदार बातचीत हुई है.”

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सदस्‍य देश संदिग्‍धों को अरेस्‍ट करने के लिए बाध्‍य
नियम के मुताबिक ICC के सदस्य देश उन संदिग्धों को हिरासत में लेने के लिए बाध्य हैं जिनके लिए अरेस्‍ट वारंट जारी किया गया है. हालांकि आईसीसी के पास अपने आदेश की अनुपालना कराने के लिए कोई इंफोर्समेंट एजेंसी नहीं है. यह पहला मौका था जब ICC ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच में से किसी स्थायी सदस्य देश के टॉप लीडर के खिलाफ अरेस्‍ट वारंट जारी किया था. पुतिन पिछले साल साउथ अफ्रीका में होने वाले ब्रिक्‍स समिट का हिस्‍सा बनने के लिए इसी डर से नहीं पहुंचे थे.

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