पुलिस ने ही डॉक्‍टर को कर लिया क‍िडनैप! सुप्रीम कोर्ट का CBI को आदेश- पता लगाओ आखिर मामला क्‍या है? – police kidnap dental doctor supreme court direct cbi to investigate punjab and haryana high court


नई दिल्‍ली. पुलिस पर क्राइम को खत्‍म करने की जिम्‍मेदारी होती है, पर पुलिस ही अपराधी की श्रेणी में आ जाए तो आमलोग के साथ समाज भी सोचने को मजबूर हो जाता है. सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे ही एक मामले में CBI को सच्‍चाई का पता लगाने का आदेश दिया है. इस मामले में चंडीगढ़ पुलिस क्राइम करने वाले की कैटेगरी में खड़ी है. पुलिस पर डेंटल डॉक्‍टर को किडनैप करने का आरोप लगा है. आरोप है कि पुलिस डॉक्‍टर को आदाल में पेश होने से रोकने के लिए उसको अगवा किया था. अब केंद्रीय जांच एजेंसी को इस बात का पता लगाने को कहा गया है कि डॉक्‍टर को अगवा किया गया था या फिर पुलिस ने उन्‍हें अपनी हिरासत में रखा था.

जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया कि वह चंडीगढ़ पुलिस द्वारा एक डेंटल डॉक्‍टर को अदालत में पेश होने से रोकने के लिए उनका कथित तौर पर अपहरण किए जाने के मामले की प्रारंभिक जांच करे. बता दें कि सीबीआई प्रारंभिक जांच करने के बाद ही किसी भी मामले में केस दर्ज करती है. जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि वह पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश में हस्तक्षेप करने की इच्छुक नहीं है, जिसमें प्राथमिकी दर्ज करने और मामले की जांच के लिए SIT गठित करने का निर्देश दिया गया है. कोर्ट ने हालांकि कहा कि मामले की स्वतंत्र जांच के लिए सीबीआई को जांच सौंपी जा सकती है.

दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला
सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने कहा कि दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हम इस राय पर पहुंचे हैं कि भले ही यह मामला विदेशी नागरिकों की ओर से की गई शिकायत से पैदा हुआ है, लेकिन हो सकता है कि उसके बाद इसने संविधान और कानूनों का घोर उल्लंघन किया हो. कोर्ट ने आगे कहा कि इसलिए आरोपों के संबंध में सभी संदेहों को दूर करने के वास्ते एक स्वतंत्र जांच की आवश्यकता है, क्योंकि वह एक नागरिक की व्यक्तिगत स्वतंत्रता से संबंधित हैं. इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआई को मामले की जांच करने का आदेश दिया.

हिरासत में या फिर गिरफ्तार?
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से यह पता लगाने को कहा कि क्या डॉक्टर को चंडीगढ़ पुलिस ने सेक्टर 19 पुलिस स्टेशन में हिरासत में लिया था या गिरफ्तार किया था. साथ ही उन्‍हें 24 घंटे के अंदर स्थानीय मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया था. यह भी जांच की जाएगी कि क्या पुलिस अधिकारियों द्वारा डॉक्टर को हिरासत में लेना या गिरफ्तार करना अपहरण के समान था. चंडीगढ़ स्थित डेंटल डॉक्‍टर धवन ने नैरोबी (केन्‍या) की एक महिला से उसके इलाज के लिए बकाया राशि की वसूली के लिए मुकदमा दायर किया था. उनके वकील ने अदालत को बताया कि इसके कारण डॉक्‍टर को महिला का कथित रूप से गलत इलाज करने की शिकायत में फंसाया था.

(इनपुट: भाषा)

Tags: Chandigarh Police, National News, Supreme Court



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