प्रियंका वाड्रा Vs नव्या हरिदास, उम्र 52 Vs 39, राजनीतिक अनुभव 35 Vs 9, वायनाड में किसकी होगी जीत?


वायनाड. केरल के वायनाड लोकसभा सीट से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने नामांकन दाखिल कर दिया है. इस सीट पर प्रियंका का मुकाबला बीजेपी की नव्या हरिदास से होगा. साल 2019 में भी प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी के खिलाफ बनारस से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, लेकिन वह चुनाव नहीं लड़ सकी. प्रियंका गांधी की जगह यूपी कांग्रेस के मौजूदा अध्यक्ष अजय राय को लड़ाया गया था. हालांकि, एक्टिव पॉलिटिक्स में प्रियंका की शुरुआत साल 2019 में ही हो गई थी. लेकिन, पांच साल के बाद प्रियंका गांधी को राहुल गांधी के इस्तीफे से खाली हुए वायनाड सीट से लड़ाने का फैसला लिया गया.

राजनीतिक विश्लेषकों की नजर में मौजूदा दौर में गांधी परिवार की सबसे करिश्माई नेता के तौर पर पहचान बनाने वाली प्रियंका गांधी की राजनीतिक पारी बदल सकती है. क्योंकि, अगर वह जीतती हैं तो लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की दमदार मौजूदगी दर्ज करा सकती हैं. बता दें कि प्रियंका गांधी वाड्रा गांधी-नेहरू परिवार की सबसे नई सदस्य हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने की शुरुआत की हैं. 2019 में औपचारिक रूप से राजनीति में शामिल होने के पांच साल बाद प्रियंका वायनाड लोकसभा उपचुनाव सीट पर खड़ी हैं.

कौन किला फतह करेगा?
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को लोकसभा उपचुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया. प्रियंका के नामांकन में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे सहित पार्टी के तमाम नेता मौजूद थे. चूंकि, वायनाड कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. यहां से उनके भाई राहुल गांधी दो बार जीत दर्ज कर चुके हैं. ऐसे में प्रियंका गांधी की जीत की उम्मीद है.

उम्र और अनुभव में है मुकाबला
बुधवार को प्रियंका ने नामांकन दाखिल करने के बाद भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैंने 35 वर्षों तक पार्टी के लिए प्रचार किया है, लेकिन यह पहली बार है कि वह अपने लिए वोट मांगेगी. जब मैं 17 साल की थी तो मैंने 1989 में पहली बार अपने पिता के लिए प्रचार किया था. मैंने अपनी मां, अपने भाई और अपने कई सहयोगियों के लिए अलग-अलग चुनावों में प्रचार किया है.’

नव्या वर्सेज प्रियंका
वहीं, बीजेपी की नव्या हरिदास इस सीट से प्रियंका को जोरदार टक्कर देने की तैयारी में हैं. नव्या वायनाड की रहने वाली हैं और लोगों के बीच काफी चर्चित हैं. 39 वर्षीय नव्या हरिदास दो बार कोझिकोड निगम पार्षद रह चुकी हैं. बता दें कि प्रियंका यहां पर यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) की उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं. नव्या हरिदास फिलहाल बीजेपी की महिला मोर्चा की राज्य महासचिव हैं. नव्या के पास इंजीनियरिंग की डिग्री है और वह बतौर सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल भी काम कर चुकी हैं.

आरएसएस बैकग्राउंड कितना अहम?
नव्या का परिवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ परिवार से जुड़ा हुआ है. साल 2009 में शादी के बाद नव्या सिंगापुर चली गईं, लेकिन, साल 2015 में जब भारत आईं तो उन्होंने स्थानीय निकाय चुनाव लड़ा और उसमें जीत हासिल की. बाद में वह 2020 में भी एक बार फिर से पार्षद बनीं. साल 2021 के विधानसभा चुनाव में नव्या ने कोझीकोड दक्षिण सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं.

लेकिन, इसके बावजूद वह इलाके में काम करती रहीं. शायद यही वजह है कि बीजेपी ने प्रियंका गांधी के खिलाफ नव्या को उतार कर कड़ी चुनौती देने का प्रयास किया है. यह सीट मुस्लिम बहुल होने की वजह से कांग्रेस के लिए सुरक्षित माना जाता है. इसी समीकरण की वजह से साल 2019 में राहुल गांधी ने अमेठी के साथ वायनाड से भी चुनाव लड़ा था. अमेठी में राहुल गांधी की हार हुई थी और वह वायनाड से भारी मतों से विजयी हुए थे.

Tags: Congress, Priyanka gandhi vadra, Rahul gandhi, Wayanad election



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