फरवरी में बढ़ते तापमान ऐसे बचाएं गेहूं की फसल, इस तरकीब से नहीं घटेगी पैदावार
Agency:News18 Uttar Pradesh
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Wheat Crop Safe in February : तापमान अभी से 30 डिग्री तक बढ़ गया है जिस कारण गेहूं की फसल समय से पहले ही पकाने लगी है. इससे उसके बालियों में दाने छोटे रह जाएंगे और पैदावार में कमी आ सकती है.
खेतों में लगी गेहूं की फसल
आजमगढ़. फरवरी का महीना शुरू हो चुका है. इस महीने में सुबह-शाम शीतलहर और सर्दी बनी रहती है, लेकिन इस साल फरवरी में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है जिससे किसान बहुत चिंतित हैं. फरवरी में ही बढ़ते तापमान के कारण खेतों में लगी गेहूं की फसल पर खराब होने का खतरा मंडरा रहा है. तापमान में अचानक बढ़ोतरी होने के कारण फसल असमय पकाने लगी है जिससे पैदावार प्रभावित हो सकती है.
इन दिनों फरवरी में ही तापमान 30 डिग्री के पार पहुंच गया है. ऐसे में गेहूं की फलियां असमय पकने लगी हैं. गेहूं की सही पैदावार और फलियों के सही विकास के लिए अधिकतम तापमान 20 से 22 डिग्री होना चाहिए, लेकिन तापमान बढ़ने के कारण फसल जल्दी पक जाती है. इससे दाने छोटे रह जाते हैं और पैदावार में कमी आती है. तापमान में परिवर्तन खासकर गेहूं और जौ की पैदावार को प्रभावित कर सकता है. अपनी फसल को असमय पकाने से बचाने के लिए कुछ जरूरी उपाय करने की जरूरत है ताकि फसल सुरक्षित रहे और पैदावार में कमी न आए.
ऐसे करें फसलों की सुरक्षा
कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा (आजमगढ़) के कृषि एवं मृदा वैज्ञानिक डॉ. रणधीर नायक बताते हैं कि बढ़ते तापमान से अपनी फसल को बचाना आवश्यक है. इसके लिए किसान भाइयों को समय रहते कुछ कदम उठाने होंगे. किसान अपने खेतों में शाम के समय प्रतिदिन थोड़ी-थोड़ी सिंचाई कर सकते हैं जिससे मिट्टी में नमी बरकरार रहे और बढ़ते तापमान के असर को काम किया जा सके. इसके अलावा 400 ग्राम पोटाश को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ में छिड़काव करना फसलों के विकास के लिए अच्छा है.
Azamgarh,Uttar Pradesh
February 05, 2025, 21:22 IST