'फिल्म इंडस्ट्री पहले ट्रबल में थी, ओटीटी ने दी राहत', आखिर क्यों ऐसा मानते हैं अभिनेता-निर्देशक तिग्मांशु धुलिया?
अभिनेता पंकज त्रिपाठी, निर्देशक तिग्मांशु धुलिया और गायक विशाल मिश्रा हाल ही में एनडीटीवी कॉन्क्लेव में पहुंचे. इस कॉन्क्लेव का मुख्य विषय उत्तर प्रदेश का फिल्मों और फिल्मों में उत्तर प्रदेश का प्रभाव रहा, जिस पर इन तीनों दिग्गजों ने अपनी-अपनी राय रखी. साथ ही पंकज त्रिपाठी और तिग्मांशु धुलिया ने ओटीटी के आने से सिनेमा के क्षेत्र में बदलाव पर भी बात की. इस दौरान पंकज त्रिपाठी ने कहा कि सुविधाओं और उपकरणों के मामले में उत्तर प्रदेश ने बहुत तरक्की कर ली है. तो वहीं तिग्मांशु धुलिया का कहना था रीजनल भाषाएं तो बहुत हैं पर असली हिंदी लोगों ने उत्तर प्रदेश से सीखी है.
गौरतलब है कि अब बड़े-बड़े एक्टर्स ओटीटी की तरफ रुख कर रहे हैं. ओटीटी ने कई ऐसे एक्टर्स को पहचान दी है, जो टैलेंटेड होते हुए भी सितारों की भीड़ में कहीं गुम से गए थे. ओटीटी के क्षेत्र में अब बड़े एक्टर्स की जरूरत नहीं पड़ती, कैसा लगता है यह बदलाव देखकर? इस बारे में बात करते हुए तिग्मांशु धुलिया कहते हैं, “बदलाव आप सभी महसूस कर रहे होंगे. फिल्म इंडस्ट्री में सब जानते हैं कि पहले ही फिल्म इंडस्ट्री ट्रबल में थी. साउथ की फिल्में हिंदी में डब होती थीं. हॉलीवुड में ब्लॉकबस्टर फिल्में होती थीं, जिन्हें सारी भाषाओं में डब किया जाता था. मात तो हम खा रहे थे, लेकिन हम जैसे टेक्निशियंस के लिए ओटीटी में वेल्कमिंग चेंज था. फिल्मों को थिएटर नहीं मिलते थे, शोज नहीं मिलते थे, ओटीटी ने इसे बहुत राहत पहुंचाई है”.
वहीं पंकज त्रिपाठी का मानना है कि ओटीटी से मामला डेमोक्रेटिक हुआ है. ओटीटी के आने से प्रमोशन के खर्चे बच रहे हैं. इतना ही नहीं, इससे अब स्क्रीन की दिक्कत नहीं होती. और अगर कंटेंट अच्छा नहीं तो आप इसे बदल भी सकते हैं. इसके अलावा पंकज त्रिपाठी ने उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी बनाने पर कहा, “बहुत बढ़िया है. ये तो अच्छा है. मुंबई में लगता था बहुत दूर है. हर स्टेट में बने. अब फिल्मों का माहौल बढ़िया है. अब वैनिटी वैन भी यूपी के हैं. मुंबई से नहीं आते”.