बजट से कामकाजी, महिलाओं, किसानों और रेहड़ी-पटरी वालों उम्मीदें क्या हैं, क्या पूरा करेगी सरकार



नई दिल्ली:

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्त वर्ष 2025-2026 का बजट पेश करेंगी. इसे देखते हुए लोगों की उम्मीदें जाग गई हैं. हर वर्ग के लोग उनसे अपने लिए राहत की उम्मीद लगाए हुए हैं. इनमें रेहड़ी-पटरी वालों से लेकर घरेलू महिलाएं और कामकाजी लोग तक शामिल हैं. लोगों को सामान और सेवाओं पर लगने वाले कर में भी राहत मिलने की उम्मीद है, खासकर इलेक्ट्रिक वाहनों और क्रिप्टो करेंसी पर लगने वाले टैक्स में.आइए देखते हैं कि बजट से लोगों की उम्मीदें क्या हैं. 

कामकाजी वर्ग की उम्मीदें

नौकरीपेशा लोगों की उम्मीद है कि टैक्स स्लैब में बदलाव कर सरकार उन्हें राहत पहुंचाएंगी. लोगों को उम्मीद है कि सरकार कर मुक्त आय की सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर देगी.अभी पुरानी कर व्यवस्था में 10 लाख रुपये से अधिक सालाना आय पर 30 फीसदी की दर से कर लगता है, जबकि नई कर व्यवस्था में 15 लाख रुपये से अधिक आय पर यही दर लागू होती है. कामकाजी लोग चाहते हैं कि कर मुक्त आय की सीमा बढ़ाई जाए. इससे उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी और उनकी बचत भी बढ़ेगी.गरीबों के साथ-साथ कामकाजी वर्ग भी महंगाई से बहुत परेशान है. खाद्य और जरूरी चीजों की आसमान छूती कीमतें कामकाजी परिवारों का बजट बिगाड़ रही हैं. ऐसे में कामकाजी लोगों की उम्मीद है कि बजट में ऐसे उपाय शामिल होंगे जो महंगाई को काबू में लाने में मदद करेंगे.  

महंगा होते इलाज ने भी लोगों के बजट को बिगाड़ दिया है, इसे देखते हुए कामकाजी लोग स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कर राहत की सीमा बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं. अभी धारा 80D के तहत,सीनियर सिटीजन के लिए यह सीमा 50 हजार रुपये है. बजट में इसे बढ़ाकर एक लाख रुपये किए जाने की उम्मीद है. बाकी लोगों के लिए यह सीमा 50 हजार रुपये की जा सकती है. बढ़ती बेरोजगारी के बीच, कामकाजी वर्ग को उम्मीद है कि बजट में ऐसे प्रावधान किए जाएंगे, जिससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.

कुछ कर विशेषज्ञों की राय है कि सरकार नई कर प्रणाली में घर की खरीद पर लाभ देने की घोषणा कर घरों की खरीद-बिक्री को बढ़ावा दे सकती है. इसके अलावा सरकार को न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) की सीमा को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर देनी चाहिए और एनपीएस से पैसे की निकासी को पूरी तरह करमुक्त बना देना चाहिए.

महिलाओं की उम्मीदें 

सरकार ने 2024-2025 के बजट में महिला सशक्तिकरण के लिए तीन लाख करोड़ रुपये आबंटित किया था. महिलाओं को उम्मीद है कि सरकार इस बार इस बजट में इजाफा करेगी. इसके अलावा महिलाओं की एक पुरानी मांग है’समान काम के लिए समान वेतन’, सरकारों ने इस दिशा में बहुत कुछ नहीं किया है. ऐसे में महिलाओं को उम्मीद है कि सरकार समाज के इस जेंडर गैप को भरने की दिशा में कदम उठाएगी. इसके अलावा कामकाजी महिलाओं की ही एक और पुरानी मांग रहा है, सिंगल मदर्स के लिए काम के स्थान पर क्रेच की सुविधा. अकेले बच्चों को पाल रही महिलाओं को काम के स्थान पर क्रेच की सुविधा मिलने से बहुत राहत होगी.इससे महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में बड़ी सफलता मिलेगी. नरेंद्र मोदी सरकार महिलाओं के लिए ‘मिशन शक्ति’, ‘मातृ वंदना योजना’, और ‘जननी सुरक्षा योजना’जैसी कई योजनाएं चला रही है. ये योजनाएं महिलाओं के स्वास्थ्य, सुरक्षा और आर्थिक स्थिति से जुड़ी हुई हैं. महिलाओं को उम्मीद है कि सरकार इन योजनाओं को जारी रखेगी और इनका बजट बढाएगी. 

किसानों की उम्मीदें क्या हैं

भारत को कृषि प्रधान देश माना जाता है. माना जाता है कि देश के जीडीपी में कृषि का योगदान 15 फीसदी से अधिक है. कृषि क्षेत्र में करीब 45 फीसदी लोग काम करते हैं. भारत के लिए यह एक बहुत बड़ी संख्या है.ऐसे में विशेषज्ञों को उम्मीद है कि सरकार कृषि क्षेत्र का बजट बढ़ाएगी.केंद्र सरकार ने 2024-25 के बजट में कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया था. 

किसानों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री बजट में पीएम किसान सम्मान निधि को बढाने का ऐलान करेंगी.

किसानों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री बजट में पीएम किसान सम्मान निधि को बढाने का ऐलान करेंगी.

किसानों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री इस बजट में किसानों को मिलने वाली पीएम किसान सम्मान निधि में इजाफा करेंगी. उन्हें उम्मीद है कि सरकार इसे छह हजार रुपये से बढ़ाकर 12 हजार रुपये सालाना कर देगी. इससे किसानों को फसलों की बढ़ती लागत को वहन करने में मदद मिलेगी.इसके साथ ही किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर भी सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं. किसान संगठन 23 फसलों पर मिलने वाली एमएसपी का दायरा बढ़वाकर उसनें और फसलों को शामिल करना चाहते हैं. इसके अलावा किसान कृषि ऋण सीमा में भी बढ़ोतरी की उम्मीद लगाए हुए हैं. ऐसी खबरें भी है कि सरकार किसान क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाले कर्ज की सीमा को तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने पर विचार कर रही है.इनके अलावा किसानों को उम्मीद है कि सरकार फसल बीमा योजना का विस्तार करेगी. इससे अधिक से अधिक किसानों को प्राकृतिक आपदाओं और अन्य जोखिमों में सुरक्षा मिलेगी. 

रेहड़ी-पटरी वालों की उम्मीदें 

रेहड़ी-पटरी वाले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कई उम्मीदें लगाए बैठे हैं.उन्हें उम्मीद है कि सरकार प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना जैसे कार्यक्रमों का विस्तार करेगी.इससे उन्हें बिना गारंटी के कर्ज मिल सकेगा. इससे उनका व्यवसाय बढ़ेगा और आर्थिक स्थिरता आएगी. इसके अलावा उन्हें उम्मीद है कि सरकार उन्हें सामाजिक सुरक्षा और बीमा का कवच उपलब्ध कराएगी. रेहड़ी-पटरी वाले सरकार से बाजारों में स्वच्छता, पानी, बिजली और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं में बढ़ोतरी करेगी. इससे उनको कामकाज का अच्छा वातावरण मिलेगा.

सरकार से रेहड़ी पटरी वालों की एक और उम्मीद लाइसेंसिंग प्रक्रिया के सरल बनाए जाने की है. वे बिना रोक-टोक काम करने लिए कानूनी समर्थन भी चाहते हैं.इन रेहड़ी-पटरी वालों का लेन-देन छोटे अमाउंट में होता है, आजकल डिजिटल भुगतान का जोर है. ऐसे में वे चाहते हैं कि सरकार उन्हें डिजिटल लेन-देन का प्रशिक्षण दिलवाएगी. इससे वे आधुनिकता और तकनीक के सहारे अपना व्यापार बढ़ा सकेंगे और देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान और अधिक दे सकेंगे. 

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