बांग्लादेश में आज बड़ा बवाल, ढाका के शहीद मीनार से होगा क्रांति का ऐलान, क्या तख्तापलट की तैयारी?
बांग्लादेश का भविष्य क्या होगा, ये शहीद मीनार से तय होगा.मुहम्मद यूनुस का राज रहेगा या फिर जाएगा, ये भी तय होगा.क्या बदल जाएगा बांग्लादेश का नाम और झंडा?
बांग्लादेश में क्या फिर तख्तापलट होगा? ये सवाल इसलिए क्योंकि जिन छात्र नेताओं के दम पर शेख हसीना को उनके ही देश से खदेड़ दिया गया, आज फिर वही नेता ढाका के शहीद मीनार पर इकट्ठा होने जा रहे हैं. यहीं से क्रांति का ऐलान होगा. इनका मकसद बांग्लादेश के संविधान को बदलना है. इस सभा के लिए 30 लाख से ज्यादा लोगों को जुटाने का प्लान है. जमात-ए-इस्लामी जैसे कट्टरपंथी संगठन इसका बहुत प्रचार कर रहे हैं. छात्रनेताओं की अपील सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही है. अंतरिम सरकार भी इनके आगे घुटने टेकते हुए नजर आ रही है. ऐसे में आज बांग्लादेश में कुछ भी हो सकता है.
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार चला रहे मुहम्मद यूनुस की प्रेस विंग ने ऐलान किया कि सरकार ‘जुलाई क्रांति’ का ऐलान करने जा रही है. सभी राजनीतिक दलों और छात्रों की मदद से इसे तैयार किया जाएगा. कुछ ही दिनों में इसे देशवासियों के सामने पेश किया जाएगा. जैसे ही यह खबर आई छात्र आंदोलन के अगुवा रहे नेताओं ने इमरजेंसी मीटिंग बुला ली. इन नेताओं ने कहा कि सरकार नहीं बल्कि वे ‘जुलाई क्रांति’ का ऐलान करेंगे और शहीद मीनार पर मंगलवार को होने वाली रैली में इसकी घोषणा की जाएगी. आंदोलन के कोआर्डिनेट हसनत अब्दुल्ला ने कहा, हम जल्द अपना फैसला सुनाएंगे. इसके बाद मुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम अपनी बात से पलट गए. उन्होंने कहा, सरकार की ओर से जुलाई क्रांति के ऐलान की कोई तैयारी नहीं है.
जानिए क्या-क्या बदलने का प्लान
दावा किया जा रहा है कि संविधान में बदलाव की आड़ में सबसे पहले बांग्लादेश का नाम बदला जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ बांग्लादेश, इस्लामिक खिलाफ ऑफ बांग्लादेश और इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईस्ट पाकिस्तान के नाम में से किसी एक का ऐलान किया जा सकता है. कहा तो ये भी जा रहा है कि बांग्लादेश में सुन्नत और शरिया को लागू किया जा सकता है. ये भी कहा जा रहा है कि सभा के बाद बांग्लादेश के राष्ट्रपति से इस्तीफा लिया जा सकता है, ताकि पूरी तरह हमेशा के लिए बांग्लादेश की सत्ता पर इन लड़कों का राज हो जाए. मुहम्मद यूनुस को नया राष्ट्रपति घोषित किया जा सकता है. यहां तक कि आर्मी चीफ से भी जबरना इस्तीफा लिया जा सकता है.
दफन कर देंगे संविधान
छात्रों का कहना है कि वे बांग्लादेश के 1972 के संविधान को दफना देंगे, क्योंकि यह ‘मुजीबिस्ट चार्टर’ है. इसने भारत को बांग्लादेश पर राज करने का मौका दिया है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार अभी फूंक-फूंककर कदम रख रही है, जबकि खालिदा जिया के नेतृत्व वाली मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी ने इसे निराशाजनक बताया. कहा- संविधान में अगर कुछ गलत है, तो उसे बदला जा सकता है, पूरा संविधान नष्ट कर देना गलत फैसला होगा.
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FIRST PUBLISHED : December 31, 2024, 06:11 IST