बांग्लादेश यूं ही नहीं पहुंचे शहबाज के चेले, भारत के दुश्मन संग पकाई ‘खिचड़ी’, जानिए पाक का डबल गेम

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Pakistan ISI in Bangladesh: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का मिशन नॉर्थ ईस्ट बहुत खतरनाक है. पाकिस्तान एक तो भारत में अशांति फैलाना चाहता है. दूसरा वह बांग्लादेश से पुराना हिसाब चुकता करना चाहता है. यही वजह ह…और पढ़ें

बांग्लादेश यूं ही नहीं पहुंची ISI टीम, जानिए पाक का डबल गेम,भारत को कितना खतरा

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का मिशन नॉर्थ ईस्ट

Pakistan ISI in Bangladesh: बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार धीरे-धीरे पूरी तरह से पाकिस्तान के कब्जे में आती जा रही है. इसी के तहत पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों की टीम मिशन नॉर्थ ईस्ट को लेकर बांग्लादेश पहुंची हुई है. इस टीम का नेतृत्व खुद लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद असीम मलिक कर रहे हैं. वह खुद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख हैं. उनके साथ मेजर जनरल शाहिद अमीर अफसर भी शामिल हैं, जो चीन के बेहद करीबी भी बताए जाते हैं.

इन अधिकारियों ने बांग्लादेश के डायरेक्टर जनरल फॉरेन इन्वेस्टिगेशन और मेजर जनरल आलम अमीर अमन से मुलाकात की. जनरल आलम अमीर खुफिया ऑपरेशन मामलों के प्रभारी भी हैं. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों ने जेल में बंद उल्फा कमांडर परेश बरुआ से भी मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान इन लोगों ने परेश बरुआ से जानकारी हासिल की कि पूर्वोत्तर में उसके आज भी कहां गहरे संबंध हैं. पूर्वोत्तर में कहां किस-जगह पर चिंगारी दिखाने से बड़ी आग भड़क सकती है.

उल्फा के साथ क्या तैयारी
दिलचस्प यह भी है कि आतंकवादी संगठन उल्फा के ट्रेनिंग कैंप एक बार फिर बांग्लादेश में पूर्वोत्तर सीमा के आसपास खुल गए हैं. जहां परेश बरुआ के इशारे पर पूर्वोत्तर के कुछ लोगों समेत अन्य लोगों की भर्ती की जा रही है. उल्फा के ये कैंप बांग्लादेश में मसलोंग नदी के साथ कशालॉन्ग रिजर्व वन क्षेत्र के आसपास बताए जा रहे हैं. इनमें बघाईचारी उप जिला और दिघिनल्लाह इलाके शामिल हैं. इसके पहले बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने आतंकवादी संगठन उल्फा के सभी ट्रेनिंग कैंप बंद कर दिए थे.

यूनुस ने दिखाई मेहरबानी
शेख हसीना की सरकार ने अल्फा कमांडर परेश बरुआ को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था. वहां उसे मुकदमों की सुनवाई के दौरान मौत की सजा सुनाई गई थी. बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस सरकार के आने के बाद परेश बरुआ की मौत की सजा माफ कर दी गई है. उसकी सजा मात्र 14 साल कर दी गई. इसके बाद अब उसके आतंकी संगठन उल्फा को एक बार फिर जीवित किया जा रहा है. मकसद पूर्वोत्तर में चिंगारी भड़काना है.

जानिए पाक का डबल गेम
माना जा रहा है इसके पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का मिशन नॉर्थ ईस्ट है. क्योंकि आईएसआई चाहता है कि भारत में अशांति फैलाने का इल्जाम उसकी जगह बांग्लादेश पर आए. यानी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी एक तीर से दो निशाने करना चाहती है. एक तरफ पाकिस्तान अपने ऊपर आतंकवाद फैलाने के दाग को कम करना चाहता है. दूसरी तरफ बांग्लादेश ने उसके साथ इसके पहले जो व्यवहार किया था, उसका बदला चुकाना चाहता है.

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