बांदा के अंतिम के लिए डॉक्टर बने भगवान, मुफ्त में किया इलाज, निकाली 1 किलो से बड़ी गांठ



HYP 4881820 cropped 28122024 182835 img20241228wa0044 watermar 2 बांदा के अंतिम के लिए डॉक्टर बने भगवान, मुफ्त में किया इलाज, निकाली 1 किलो से बड़ी गांठ

बांदा: डॉक्टरों को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है. कुछ लुटेरे हॉस्पिटल और डॉक्टरों को छोड़ दें तो बहुत से डॉक्टर पूरी ईमानदारी से अपना पेशा करते हैं और मरीजों का सस्ता और बेहतर ईलाज करते हैं. यूपी के बांदा जिले से एक ऐसा मामला सामने आया जहां डॉक्टरों ने गंभीर बीमारी से जूझ रहे एक युवक की जान बचाई.

बादां के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने एक जटिल ऑपरेशन कर ऐसे युवक की जान बचाई है जो बीते आठ साल से गले की गांठ से जूझ रहा था. बता दें कि बांदा जिले के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के ईएनटी विभाग में डॉक्टरों की टीम ने यह जटिल ऑपरेशन किया. मरीज पिछले आठ साल से गले की गांठ से जूझ रहा था लेकिन अब यह अपनी जिंदगी की एक नई शुरुआत करेगा.

जानकारी के लिए बता दें कि बांदा जिले के बिसंडा क्षेत्र का रहने वाला अंतिम नाम का युवक आठ वर्षों से गले में एक बड़ी गांठ से जूझ रहा था. इस गांठ के चलते उसे काफी दर्द और परेशानी हो रही थी. रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर उसको एक नई जिंदगी दी है.

अंतिम को सांस लेने की होने लगी थी दिक्कत
रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज बांदा के डॉक्टर शंकर कबीर ने जानकारी देते हुए बताया कि अंतिम की स्थिति इस कदर बिगड़ गई थी कि उसे सांस लेने में भी दिक्कत हो रही थी. समय के साथ गांठ का आकार बढ़ता गया और उसे असहनीय दर्द का सामना करना पड़ रहा था. अंतिम ने अपने परिवार के साथ मिलकर कई बड़े अस्पतालों में इलाज कराया लेकिन हर जगह उसे ऑपरेशन के लिए लाखों रुपये तक का खर्च बताया गया जो उसके परिवार के लिए वहन करना संभव नहीं था. इसके बाद पिछले महीने अंतिम के पिता मुन्नीलाल उसे लेकर रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज पहुंचे जहां उन्होंने ईएनटी विभाग से संपर्क किया.

डॉक्टर ने दी जानकारी 
डॉक्टर ने आगे की जानकारी में बताया कि हमारे द्वारा उसकी जांच की और उसे ऑपरेशन की सलाह दी. इसके बाद यह तय हुआ कि सरकारी मेडिकल कॉलेज में उसका निशुल्क ऑपरेशन किया जाएगा. हमारी डॉक्टरों की टीम ने चार घंटे की कड़ी मेहनत के बाद अंतिम के गले से 1 किलो 100 ग्राम की बड़ी गांठ को सफलतापूर्वक हटा दिया. ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत स्थिर है और डॉक्टरों का मानना है कि वह जल्द ही पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएगा और उसको उसके घर भेज दिया जाएगा.

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