बाजार में लगातार चौथे दिन तेजी, सेंसेक्स पहली बार 65,000 अंक के पार, निफ्टी का भी नया रिकॉर्ड



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स्थानीय शेयर बाजारों में सोमवार को तेजी का सिलसिला लगातार चौथे कारोबारी सत्र में भी जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स 486 अंक से अधिक उछलकर पहली बार 65,000 अंक के स्तर से ऊपर बंद हुआ. मुख्य रूप से वैश्विक बाजारों में तेजी और विदेशी पूंजी प्रवाह जारी रहने से बाजार में मजबूती आई.

कारोबारियों के अनुसार, सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईटीसी, एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लि. में अच्छी लिवाली से भी बाजार को समर्थन मिला.

तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 486.49 अंक यानी 0.75 प्रतिशत की बढ़त के साथ अबतक के उच्चतम स्तर 65,205.05 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान, एक समय यह 581.79 अंक उछलकर रिकॉर्ड 65,300.35 अंक तक चला गया था.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 133.50 अंक यानी 0.70 प्रतिशत की तेजी के साथ रिकॉर्ड 19,322.55 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 156.05 अंक उछलकर अबतक के उच्चतम स्तर 19,345.10 अंक तक चला गया था.

यह लगातार तीसरा दिन है जब दोनों मानक सूचकांक रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए हैं.

सेंसेक्स के शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज में सबसे ज्यादा 2.53 प्रतिशत की तेजी रही. इसके अलावा आईटीसी, बजाज फाइनेंस, भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, एनटीपीसी, एचडीएफसी बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा स्टील, बजाज फिनसर्व और आईसीआईसीआई बैंक में भी प्रमुख रूप से तेजी रही. दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में पावर ग्रिड, मारुति, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टेक महिंद्रा, नेस्ले और टाटा मोटर्स शामिल हैं.

एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में रहें. यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख रहा. अमेरिकी बाजार शुक्रवार को बढ़त में रहे थे.

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 6,397.13 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘सकारात्मक घरेलू आंकड़ों और वैश्विक संकेतों से निवेशकों की धारणा मजबूत रही. वैश्विक बाजार को मजबूत आर्थिक आंकड़ों और मंदी की आशंका दूर होने से समर्थन मिला है. भारत का शेयर बाजार का रुख व्यापक है. इसका कारण ऊर्जा, वित्तीय, धातु और दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाले क्षेत्रों (एमएफसीजी) का बेहतर प्रदर्शन है.”

वित्त मंत्रालय के शनिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह जून में 12 प्रतिशत बढ़कर 1.61 लाख करोड़ रुपये रहा है. जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद से यह चौथा मौका है जब कर संग्रह 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है.



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