बिहार के इस गांव में है बजरंगबली का ननिहाल, हनुमानजी को प्यार से इस नाम से बुलाते हैं लोग – News18 हिंदी


रिपोर्ट-विशाल कुमार
छपरा. आज शक्ति के आराध्य देव बजरंगबली की जयंती है. इस मौके पर छपरा के प्रसिद्ध मारुति मानस मंदिर में सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. मंगलवार को दिनभर यहां कई तरह के कार्यक्रम होते रहे. पूजा समिति ने खास व्यवस्था की थी.मंदिर को भी आकर्षक तरीके से सजाया गया है. छपरा को बजरंगबली का ननिहाल भी कहा जाता है, लिहाजा बजरंगबली के जन्मदिन पर यहां हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. मारुति मानस मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए दूर-दराज इलाकों से भी श्रद्धालु पहुंचे.

ननिहाल में हनुमान जी को दुलार
इस बारे में स्थानीय व्यक्ति वासुदेव नारायण वर्मा बताते हैं आज का दिन बेहद खास है. आज ही के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था. उन्के जन्मोत्सव के मौके पर मंदिर में रामर्चापूजा, रुद्राभिषेक, सत्यनारायण भगवान की कथा, आरती भंडारा सहित कई कार्यक्रम लगातार किए गए. उन्होंने बताया हनुमान जी का छपरा में ननिहाल है. इसलिए यहां के लोग उन्हें नाती मानकर खूब प्यार स्नेह देते हैं. उन्होंने यह भी बताया यहां जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मन्नत मांगते हैं, उनकी मनोकामना पूर्ण होती है.
उन्होंने यह भी बताया कि हनुमान जी का छपरा से खास रिश्ता है. यही वजह है कि यहां के श्रद्धालुओं में उनके प्रति श्रद्धा रहती है और उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं.

सेमरिया गांव में बजरंगबली का ननिहाल
छपरा के रिविलगंज प्रखंड के गोदना सेमरिया गांव से एक मान्यता जुड़ी हुई है. पौराणिक कथा के अनुसार बजरंगबली का ननिहाल गोदना सेमरिया गांव में माना जाता है. स्थानीय लोग बजरंग बली को भगिना का दर्जा देते हुए आज भी ‘बुढ़ऊ’ के नाम से संबोधित करते हैं. गौतम ऋषि की पुत्री माता अंजनि गौतम गोदना में रहती थीं. यहां गौतम ऋषि का आश्रम स्थित है.

मन्नत का मंदिर
मारुति मानस मंदिर के मुख्य पुजारी राघव तिवारी ने बताया छपरा में हनुमानजी का ननिहाल है. दधिचि आश्रम सहित कई ऋषि मुनि यहां रहते थे. जिस तरह से हम लोगों को ननिहाल में प्यार स्नेह मिलता है. उससे कहीं ज्यादा हनुमान जी के ननिहाल छपरा में हम लोग उनके जन्मदिन पर उत्सव मना रहे हैं. उन्होंने कहा आज के दिन श्रद्धालु जिस चीज की इच्छा रख के सच्चे मन से सुंदरकांड के पाठ करते हैं उनकी मनोकामना पूर्ण होती है.

अंजनिपुत्र और केसरीनंदन
पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान जी की माता अंजनि विख्यात ऋषि गौतम एवं उनकी पत्नी अहिल्या की पुत्री थीं. उनका विवाह वानरराज केसरी के साथ हुआ था. इसलिए हनुमान जी को अंजनिपुत्र और केसरीनंदन भी कहा जाता है.

Tags: Chapra, Chapra news, Hanuman Jayanti, Local18



Source link

x