बिहार के नए DGP का एक्शन शुरू… क्या अभयानंद वाली थ्योरी पर चलेंगे IPS विनय कुमार?
पटना. बिहार कैडर के 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी विनय कुमार डीजीपी बनते ही एक्शन में आ गए हैं. विनय कुमार के एक्शन का ही नतीजा है कि 72 घंटे में ही हालात सुधरने के संकेत मिलने लगे हैं. अब हर जिले के एसपी देर रात तक ऑफिस में बैठने लगे हैं. रात को एसएचओ, डीएसपी और एसपी सड़कों पर गश्त करने उतरने लगे हैं. कई जिलों के एसपी सुबह देर से उठने की आदत छोड़कर अब टाइम पर दफ्तर पहुंचने लगे हैं. नए डीजीपी विनय कुमार हर जिले के पुलिस कप्तान से खुद बात कर क्राइम कंट्रोल के तरीके को बता भी रहे हैं और खुद भी समझ रहे हैं. डीजीपी का यह रूप और एक्शन देखकर ऐसा लग रहा है कि बिहार में एक बार फिर से अभयानंद वाला पुलिसिंग का दौर शरू होने वाला है.
पटना स्थित पुलिस मुख्यालय में अब देर रात तक अधिकारी मीटिंग कर रहे हैं. सरदार पटेल भवन में डीजीपी खुद सीनियर पुलिस अधिकारियों के साथ लागतार बैठक कर रहे हैं. राज्य में क्राइम कंट्रोल को लेकर नए-नए उपाय भी बता रहे हैं और अधिकारियों से क्राइम कंट्रोल के लिए आइडिया और सुझाव भी मांग रहे हैं. माना जा रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में बिहार में मर्डर, रंगदारी, शराब तस्करी, लूट, रेप, और गैंगरेप जैसे अपराधों को लेकर बड़ा एक्शन शुरू होने वाला है. इसी का खाका तैयार किया जा रहा है.
विनय कुमार चल पड़े इस राह
आपको बता दें कि शुक्रवार शाम को विनय कुमार के डीजीपी बनने की अधिसूचना जारी हुई थी और अगले दिन शनिवार को उन्होंने कार्यभार संभाल लिया. डीजीपी के कुर्सी पर बैठते ही जिले के एसपी और राज्य के 1400 थानेदारों के लिए नया फरमान आ गया. इस आदेश से पुलिस महकमे तो छोड़िए बालू माफिया, रेत माफिया, चिमनी माफिया और कोयला माफिया सहित कई तरह के अपराध में संलिप्त व्यक्तियों को गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा किए अकूट संपत्तियों का जब्ती का डर सताने लगा. क्योंकि, अब हर थाने में इस तरह के लोगों की संपत्ति कि चिन्हित कर अटैच करना अनिवार्य कर दिया गया है.
बीएनएस एक्ट को बनाएंगे हथियार
विनय कुमार ने पदभार ग्रहण करने के बाद कहा, ‘बिहार पुलिस अब बीएनएस एक्ट के तहत माफियाओं और अपराधियों की अवैध संपत्तियां जब्त करेगी. उन्होंने सभी थानेदारों को आदेश दिया है कि वे अगले एक महीने के भीतर अपने क्षेत्र के कम से कम एक माफिया की संपत्ति जब्त करने के लिए कार्रवाई करें.’
पुलिस सड़कों पर दिखे- डीजीपी
डीजीपी ने साफ-साफ शब्दों में कह दिया है कि पुलिस को आम लोगों के बीच रहना होगा. अपराधियों को पकड़ने के लिए दिन-रात गश्त तेज करनी होगी. पुलिस सड़क पर दिखेगी तो अपराधियों में खौफ होगा. थानेदार हो या उससे ऊपर के अधिकारी, सभी को अपने इलाके में गश्त करनी होगी. जब पुलिस सड़कों पर दिखेगी तो अपराधी के होसले पस्त होंगे.’
स्पीडी ट्रायल फिर होंगे तेज
डीजीपी ने कहा, ‘अपराधियों को सजा दिलाने के लिए जांच प्रणाली को मजबूत बनाया जा रहा है. फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की क्षमता बढ़ाई जा रही है. बिहार में अभी चार एफएसएल काम कर रहे हैं. आने वाले दिनों में हर जिले में मोबाइल एफएसएल की शुरुआत करेंगे. इसके साथ ही डायल 112 को और दुरुस्त किया जाएगा. अभी 2000 वाहन पूरे राज्य में हैं.
अभयानंद वाली थ्योरी पर करेंगे काम?
आपको बता विनय कुमार उसी थ्योरी पर काम शरू कर दिया है, जिस थ्योरी पर कभी बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद काम किया करते थे. जब अभयानंद को राज्य में लॉ एंड ऑर्डर ठीक करने की जिम्मेदारी दी गई थी राज्य में कुछ खास संसाधन नहीं थे. लेकिन, आज सिपाहियों की कमी काफी हद तक दूर हो चुकी है. बिहार पुलिस के पास स्टैंडर्ड हथियार भी आ गए हैं. साइबर अपराध से निपटने के लिए टेक्नोलॉजी भी डेवलप कर लिया गया है. राज्य में आधा दर्जन जगहों पर फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी बनकर तैयार हो गए हैं. ऐसे में विनय कुमार को अब लॉ एंड ऑर्डर ठीक करने की जिम्मेदारी अहम होगी.
अभयानंद अक्सर कहा करते थे कि राज्य में विधि व्यवस्था दुरुस्त करने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की नहीं डीजीपी की होती है. लॉ एंड ऑर्डर को लेकर अगर डीजीपी मुख्यमंत्री की तरफ उनका चेहरा देखते रहेंगे तो कानून व्यवस्ता दुरुस्त कैसे होगा? इसलिए डीजीपी की जिम्मेदारी है कि उसका हल निकालना. नए-नए तरीके को ढूंढना. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या विनय कुमार भी अभयानंद वाली थ्योरी पर काम करना शुरू कर दिया है? क्या बिहार में एक बार फिर से स्पीडी ट्रायल चलाकर कानून का डर बनाकर अपराधियों में खौफ आएगा?
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FIRST PUBLISHED : December 16, 2024, 20:43 IST