Arun Kumar IAS: हम आपके लिए हर दिन यूपीएसी पास करने वालों के संघर्ष की कहानियां लाते हैं. आज की कहानी भी यूपीएसी सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले लड़के की है. लेकिन इनकी कहानी बाकियों से बिलकुल जुदा है. ये वो हस्ती है जिसने सबकुछ पाकर भी त्याग दिया. हर साल लाखों उम्मीदवार आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और आईआरएस बनने के लिए यूपीएससी परीक्षा में बैठते हैं.
परीक्षा की तैयारी और अधिकारी बनने के सपने को पूरा करने में सालों लगाते हैं. लेकिन ये कहानी उस शख्स की है जिसने आईएएस अधिकारी की नौकरी छोड़ दी वो भी दूसरों की भलाई करने के लिए. मिलिए बिहार के अरुण कुमार से जिन्होंने वंचित (underprivileged) यूपीएससी उम्मीदवारों को पढ़ाने के लिए आईएएस पद छोड़ दिया.
1994 बैच के आईएएस अधिकारी अरुण कुमार उनके लिए मुफ्त कोचिंग देते हैं जो कुछ कोचिंग में दाखिला लेने में सक्षम नहीं. कुमार मानते हैं किसी सक्षम उम्मीदवार को आर्थिक मजबूरी की वजह से पीछे नहीं रह जाना चाहिए. वे मानते हैं कि सभी लायक कैंडिडेट के पास पढ़ने के मौके और सुविधाएं होनी चाहिए. अरुण कुमार बिहार में गंगा के तट पर यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए मुफ्त कोचिंग देते हैं.
अरुण कुमार ias पद की नौकरी छोड़कर यूपीएससी उम्मीदवारों को पढ़ाने का नेक काम करने के पीछे पत्नी रितु जयसवाल के सामाजिक कार्यों से प्रेरित थे. पत्नी ने उन्हें इतना प्रेरित किया कि वे नौकरी छोड़कर गरीब उम्मीदवारों को पढ़ाएं. अरुण कुमार गंगा तट पर वंचित छात्रों को मुफ्त कोचिंग देते हैं. वह किराए और अन्य खर्चों से बचने के लिए हर सुबह आउटडोर कक्षाएं लेते हैं.
अरुण कुमार रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से पढ़े. अपने दम पर यूपीएससी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर सफल हुए. अरुण कुमार के नौकरी छोड़ने और मुफ्त कोचिंग देने के फैसले ने कई जिंदगियों पर गहरा असर डाला है. उनकी कहानी सिर्फ उनकी अपनी सफलता के बारे में नहीं है, बल्कि समाज को कुछ बेहतर वापस लौटाने और दूसरों को उनके सपने पूरे करने में मदद करने के बारे में भी है.
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