बिहार के 4 जिलों में हुआ एशियाई वाटर वर्ड पक्षियों का सर्वेक्षण, 200 प्रजातियों की हुई पहचान, इनमें ये हैं प्रमुख


कुंदन कुमार/गया : कई महीनों के प्रयासों के बाद दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय के जीवन विज्ञान विभाग ने एशियाई जलपक्षी पर सफलतापूर्वक जनगणना हुआ. यह सर्वेक्षण लाइफ साइंस के प्रमुख डॉ. राम प्रताप सिंह की देखरेख में विभाग के शोधकर्ताओं की एक टीम द्वारा किया गया था.

बिहार के चार जिला गया, औरंगाबाद, नवादा और आरा में की गई जनगणना में पक्षियों की लगभग 200 प्रजातियों और 5538 पक्षियों की पहचान की गई. एडब्ल्यूसी एशियाई क्षेत्र में विंटरिंग वॉटरबर्ड्स की आबादी की निगरानी के लिए वेटलैंड इंटरनेशनल और एशियन वेटलैंड ब्यूरो द्वारा आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम है.

चार जिलों में हुआ सर्वेक्षण
इस अभियान के तहत बिहार सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग ने एडब्ल्यूसी को एक विशेष अभियान के रूप में लेते हुए बिहार के लगभग 75 वेटलैंड्स को कवर करने का प्रयास किया गया. सीयूएसबी से डॉ. राम प्रताप सिंह को एडब्ल्यूसी-2024 के लिए समन्वयकों में से एक के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई थी. जिन्होंने अपने शोधार्थियों के साथ चार जिला गया, औरंगाबाद, नवादा और आरा में सर्वेक्षण किया.

सर्वेक्षण में 47 प्रजातियां और 1425 पक्षियों को चला पता
जीवन विज्ञान विभाग प्रमुख डाॅ. राम प्रताप सिंह ने बताया कि नवादा में हरदिया बांध पर सर्वेक्षण किया गया. जहां 47 प्रजातियां और 1425 पक्षियों को दर्ज किया गया. औरंगाबाद में सर्वेक्षण तीन चरणों में इंद्रपुरी बैराज वेटलैंड में आयोजित किया गया था. पूर्व सर्वेक्षण में 24 प्रजातियां और 378 पक्षियों को दर्ज किया गया.

मुख्य गणना में 54 प्रजातियां और 2543 पक्षियों को दर्ज किया गया और सर्वेक्षण के बाद की गिनती में 35 प्रजातियां और 594 पक्षियों को दर्ज किया गया. गया में सर्वेक्षण दो वेटलैंड्स में किया गया. जिसमें बरवाडीह वेटलैंड में 19 प्रजातियां और 84 पक्षियों को दर्ज किया गया. बरंडीह वेटलैंड में 34 प्रजातियां और 238 पक्षियों को दर्ज किया गया.

प्रवासी पक्षियों का भी चला पता
आरा जिले में सर्वेक्षण महुली घाट से मनेर तक किया गया. जहां 47 प्रजातियां और 1248 पक्षियों को दर्ज किया गया. सर्वेक्षण के दौरान लंबी दूरी के प्रवासी पक्षियों को दर्ज किया गया जिनमें बार हेडेड गूज, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, गैडवाल, नॉर्दर्न पिनटेल, यूरेशियन कर्लेव, रूडी शेल्डक, कॉमन पोचार्ड, ब्लैक टेल्ड गॉडविट, वूली नेक्ड स्टॉर्क, कॉमन रेडशैंक और कई अन्य शामिल थी. जीवन विज्ञान विभाग के शोधार्थियों एस के इमरान, दिव्या कुमारी, तृषा मंडल, मनीषा कुमारी और संपद सम्राट सेनापति ने बर्ड स्पॉटर्स के रूप में एडब्ल्यूसी 2024 में सक्रिय रूप से भाग लिया.

बिहार में अच्छी संख्या में प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां
सर्वेक्षण में आधार पर एशियाई जलपक्षी जनगणना (एडब्ल्यूसी) ने यह निष्कर्ष साझा किया कि बिहार में अच्छी संख्या में प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां हैं, जो अंतरराष्ट्रीय महत्व के मध्य एशियाई फ्लाईवे (सीएएफ) और पूर्वी एशियाई ऑस्ट्रेलियन फ्लाईवे (ईएएएफ) दोनों को कवर करती हैं. ये वेटलैंड्स पक्षियों को उचित आवास के साथ-साथ लाखों लोगों की आजीविका के साथ-साथ समृद्ध जैव विविधता प्रदान करते हैं.

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