बिहार में नाम बदलने की शुरुआत, सुल्तानगंज का नाम ‘अजगैबीनाथ धाम’ किए जाने की तैयारी


सत्यम कुमार/ भागलपुर: उत्तर प्रदेश के बाद अब बिहार में भी शहरों के नाम बदलने का सिलसिला शुरू हो गया है. इसी क्रम में सुल्तानगंज का नाम बदलकर ‘अजगैबीनाथ धाम’ रखने की कवायद तेज हो गई है. नगर परिषद ने नाम बदलने का प्रस्ताव पास कर राज्य सरकार को भेजा था, जिसे अब केंद्र सरकार को भेजने की तैयारी हो रही है. प्रस्ताव पारित होने के बाद जल्द ही इस शहर का नाम ‘अजगैबीनाथ धाम’ हो सकता है.

कैसे बदलता रहा सुल्तानगंज का नाम?
इतिहासकार आलोक कुमार ने बताया कि सुल्तानगंज का प्राचीन नाम ‘हिरणपुरी’ था, जो धीरे-धीरे बदलते हुए ‘जहन्नुगिरी’ और फिर ‘जहांगीरा’ हो गया. यह क्षेत्र अंग क्षेत्र का हिस्सा था और पहाड़ियों से घिरा हुआ था. समय के साथ गंगा के बहाव से पहाड़ों का क्षरण हुआ और नामों में भी परिवर्तन आया. एक पौराणिक कथा के अनुसार, यहां जहन्नु ऋषि की तपस्या के दौरान गंगा का बहाव उनके पास से गुजरा, जिससे उनकी तपस्या भंग हुई. गुस्से में उन्होंने गंगा को पी लिया था, बाद में देवताओं के अनुरोध पर उन्होंने अपनी जंघा से गंगा को फिर से बहा दिया, जिससे इस स्थान का नाम ‘जहन्नुगिरी’ पड़ा.

किंवदंतियों के अनुसार, यह स्थान व्यापार का महत्वपूर्ण केंद्र भी था और इसे ‘जहांगीरा’ भी कहा गया, जो व्यापार के मजबूत गढ़ को दर्शाता है. कालांतर में, इस क्षेत्र का नाम ‘अजगैबीनाथ धाम’ रखा गया, क्योंकि मान्यता है कि यहां भगवान शिव को ‘अजगब’ नाम का धनुष प्राप्त हुआ था. हालांकि, मुगल शासनकाल में इसका नाम बदलकर ‘सुल्तानगंज’ कर दिया गया.

नाम बदलने को लेकर लोगों में उत्साह
नाम बदलने की इस कवायद से स्थानीय लोगों में काफी उत्साह है. स्थानीय निवासियों की मांग है कि इसका पौराणिक नाम ‘अजगैबीनाथ’ ही रखा जाए, क्योंकि सावन के महीने में लाखों श्रद्धालु यहां से जल भरकर बाबा बैद्यनाथ धाम की ओर जाते हैं. लोगों का मानना है कि पुराने पौराणिक नाम की पुनर्स्थापना से यहां की सांस्कृतिक पहचान मजबूत होगी.

उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी सावन में इसका उद्घाटन ‘अजगैबीनाथ धाम’ नाम से किया जा सकता है. यहां तक कि रेलवे स्टेशन का नाम भी बदलने का प्रस्ताव भेजा गया है, जिससे इसे धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का नया आयाम मिल सके.

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